सौरव गांगुली (फोटो- सोशल मीडिया)
Sourav Ganguli on Rohit Sharma: इस वक्त हर जगह रोहित शर्मा और शुभमन गिल की चर्चा हो रही है। इसके पीछे का कारण टीम इंडिया में वनडे की कप्तानी रोहित की जगह गिल को सौंपना है। अब इसी पर टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली का बयान आया है। उन्होंने शुभमन गिल को भारत की वनडे टीम की कप्तानी सौंपने के निर्णय का समर्थन किया है और इसे सही फैसला बताया है।
गांगुली का मानना है कि रोहित शर्मा को वनडे कप्तान के पद से हटाने का निर्णय संभवतः टीम चयनकर्ताओं और कोचिंग स्टाफ के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद लिया गया होगा। उन्होंने कहा कि गिल के टेस्ट कप्तान के रूप में पहले अनुभव में भारत ने इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराई थी, जो कि उनके नेतृत्व के लिए सकारात्मक संकेत है।
गांगुली ने एक कार्यक्रम में कहा कि “मुझे लगता है कि रोहित से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है। मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिखती। रोहित खेलते रह सकते हैं और इस बीच एक युवा कप्तान को तैयार किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि टीम के लिए यह कदम भविष्य की ओर संकेत करता है, खासकर 2027 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए। उस समय रोहित शर्मा 40 साल के होंगे और विराट कोहली भी उम्र के लिहाज से निर्णायक स्थिति में होंगे।
पूर्व कप्तान ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय किसी तरह की बर्खास्तगी नहीं है। उन्होंने कहा, “रोहित ने पिछले वर्षों में टी20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर अपना प्रदर्शन साबित किया है। चयनकर्ताओं ने भी यही देखा होगा कि भविष्य में टीम को संतुलित बनाए रखना जरूरी है।” गांगुली ने आगे कहा कि खेल में उम्र और फिटनेस ही अंततः किसी खिलाड़ी के भविष्य का निर्धारण करती है। “रोहित और विराट को घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रहना होगा और देखना होगा कि वे कितने फिट और प्रतिस्पर्धी हैं। क्रिकेट में हर खिलाड़ी को एक दिन खेल से अलविदा कहना होता है।”
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गांगुली ने यह भी कहा कि भविष्य में शुभमन गिल जैसे युवा कप्तानों को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खेल के महान खिलाड़ियों जैसे रोजर फेडरर, पीट सम्प्रास, रफेल नडाल या डिएगो माराडोना को भी अपने करियर में यही अनुभव हुआ। गांगुली ने यह निष्कर्ष निकाला कि उम्र, फिटनेस और प्रदर्शन ही किसी खिलाड़ी के राष्ट्रीय टीम में भविष्य को तय करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि 40 की उम्र में खेलना चुनौतीपूर्ण है और यह खिलाड़ियों पर निर्भर करेगा कि वे कितनी तैयारी और प्रदर्शन के साथ खेलते हैं, चाहे वह वनडे हो, टेस्ट हो या आईपीएल।