कल से होलाष्टक की शुरुआत। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: फाल्गुन यानी मार्च का महीना अपने अंदर कई बड़े व्रत और त्योहार समेटे हुए है। इस महीने में फुलेरा दूज, आमलकी एकादशी, होली, चैत्र नवरात्रि समेत कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इस माह में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण भी लगेगा जिससे मार्च का महीना बेहद खास माना जा रहा है। मार्च के महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार आएंगे। इनमें रंग पंचमी, शीतला अष्टमी, पापमोचिनी एकादशी, चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा जैसे कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इस महीने होली और ईद-उल-फितर जैसे बड़े त्योहार होने से बाजार भी गुलजार रहेंगे। बाजार में रंगों, मिठाइयों के साथ कपड़ा बाजार में अच्छी खासी खरीदारी करते देखे जा रहे हैं। शुक्रवार, 7 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा जो 13 मार्च को होलिका दहन तक रहेगा।
शुक्रवार को दुर्गाष्टमी का व्रत श्रद्धालुओं द्वारा रखा जाता है। इन 8 दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नए व्यापार का उद्घाटन जैसे मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इन दिनों में पूजा-पाठ, मंत्र जप, तीर्थ यात्रा, ध्यान करने की परंपरा है। सोमवार, 10 मार्च को फाल्गुन महीने की दूसरी एकादशी है। इसे आमलकी एकादशी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास करना चाहिए, मान्यता है कि मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गुरुवार, 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इस दिन होलिका दहन किया जाएगा। अगले दिन यानी 14 मार्च को होली खेली जाएगी। फाल्गुन पूर्णिमा पर नदी स्नान करने की परंपरा है। इस तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा भी पढ़नी-सुननी चाहिए।
शुक्रवार, 14 मार्च से खरमास शुरू हो रहा है। सूर्य कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इस कारण देश में इस ग्रहण का सूतक भी नहीं रहेगा। खरमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इन दिनों में सूर्य की विशेष पूजा करनी चाहिए। बुधवार, 19 मार्च को रंग पंचमी मनाई जाएगी। शुक्रवार, 21 मार्च और शनिवार, 22 मार्च को शीतला सप्तमी और अष्टमी का व्रत किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में सप्तमी और कुछ क्षेत्रों में अष्टमी पर ठंडा भोजन करने की और शीतला माता की पूजा करने की परंपरा है।
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मंगलवार, 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी है। इस व्रत से भक्त के जाने-अनजाने में किए गए पापों का फल खत्म होता है। ऐसी मान्यता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। शनिवार, 29 मार्च को चैत्र अमावस्या रहेगी। इस दिन सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। इस कारण अपने यहां इसका सूतक नहीं रहेगा। चैत्र अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान और दान-पुण्य करना चाहिए। रविवार, 30 मार्च को चैत्र मास की नवरात्रि की पहली तिथि है। इस तिथि पर घट स्थापना की जाती है। इस नवरात्रि में देवी मां के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। कन्याओं का पूजन किया जाता है।