
विधायक नाराज (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal News: राजनीतिक केंद्रबिंदु बनी रहने वाली यवतमाल नगरपालिका इस समय प्रशासक के अधीन है और चुनाव प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। लेकिन अब नगरपालिका प्रशासक के कामकाज पर खुद विधायक ने ही सवाल उठाए हैं। शहर के वार्ड परिसीमन में राजनीतिक दबाव के चलते जानबूझकर गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए विधायक बालासाहेब मांगुलकर ने चुनाव आयोग से वार्डों का पुनः परिसीमन करने की मांग की है।
इसके चलते यवतमाल नगरपालिका का चुनाव कुछ और दिनों के लिए टल सकता है। पिछले साढ़े तीन वर्षों से यवतमाल नगरपालिका का चुनाव अटका हुआ है। अब सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव जनवरी माह से पहले संपन्न किए जाएं। इसी के तहत राज्य चुनाव आयोग के निर्देशानुसार प्रशासन ने यवतमाल नगरपालिका चुनाव की तैयारी शुरू की है।
वार्ड परिसीमन कर प्रारूप मतदाता सूची भी जारी की गई, जिस पर छह हजार से अधिक आपत्तियाँ प्राप्त हुई हैं। इससे पहले भी प्रशासक के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ चुके हैं। अब स्वयं यवतमाल के विधायक बालासाहेब मांगुलकर ने मुख्याधिकारी तथा प्रशासक शुभम क्यातमवार पर आरोप लगाए हैं। मांगुलकर ने जिलाधिकारी विकास मीना और राज्य चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है।
इसमें कहा गया है कि मुख्याधिकारी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वार्ड परिसीमन किया और मतदाता सूची में भी जानबूझकर गड़बड़ी की। राजनीतिक दबाव में गलत तरीके से वार्ड बनाए गए हैं और मतदाता सूचियाँ भी गलत तैयार की गई हैं। परिणामस्वरूप, जहाँ आरक्षण की आवश्यकता थी, वहाँ आरक्षण नहीं दिया गया और अन्य वार्डों में दे दिया गया। कई वार्डों की मतदाता संख्या में शतप्रतिशत से अधिक का अंतर पाया गया है।
यह भी पढ़ें – नागपुर में सड़क के बाद रेल पटरियां जाम, बच्चू कडू का बड़ा ऐलान, बोले- देवाभाऊ को किसानों का खून पसंद
मतदाता संख्या में असमानता से आरक्षण प्रक्रिया प्रभावित हुई है। विधायक मांगुलकर ने इस असमानता का वार्डवार आंकड़ा जिलाधिकारी और चुनाव आयोग को सौंपा है और मांग की है कि वार्ड परिसीमन और मतदाता सूची दोनों को फिर से तैयार किया जाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और राज्य चुनाव आयोग इस पर क्या रुख अपनाते हैं, क्योंकि इसी पर नगरपालिका चुनाव का भविष्य निर्भर करेगा।
नगरपालिका चुनाव की प्रक्रिया के दौरान मुख्याधिकारी शुभम क्यातमवार ने चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग विधायक बालासाहेब मांगुलकर ने जिलाधिकारी से की है। अब इस पर क्या कार्रवाई होती है, इस पर पूरे यवतमाल की नजरें टिकी हुई हैं।
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, वार्ड परिसीमन करते समय मतदाताओं की एक ‘बेस’ संख्या तय की जाती है। उस आधार संख्या से 10 प्रतिशत कम या अधिक मतदाता वाला वार्ड ही बनाया जा सकता है। लेकिन यवतमाल में इस नियम का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है। इससे आरक्षण पर भी सीधा असर पड़ा है। हमने यह मामला जिलाधिकारी और आयोग के समक्ष रखा है। यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो हम न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
– बालासाहेब मांगुलकर, विधायक, यवतमाल
यवतमाल नगरपालिका सीमा के 29 वार्डों में मतदाताओं की संख्या में भारी अंतर पाया गया है। किसी वार्ड में केवल 6000 मतदाता हैं, जबकि किसी में 12000 से अधिक, ऐसे में 6000 मतदाताओं के लिए भी दो पार्षद और 12000 मतदाताओं के लिए भी दो पार्षद रहेंगे यह मतदाताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों के साथ भी अन्याय है, ऐसा मत कांग्रेस कार्यकर्ता संतोष बोरले ने व्यक्त किया।






