
राष्ट्रपति मुर्मू ने अंबाला से राफेल में भरी उड़ान (फोटो- सोशल मीडिया)
President Droupadi Murmu in Rafale: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी। सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर के रूप में, उनका यह कदम सेना का मनोबल बढ़ाने वाला है। इससे पहले महामहिम का अंबाला पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने उनकी अगवानी ने की, जिसके बाद वायुसेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। राष्ट्रपति ने यहां वायुसेना के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। महामहिम की यह उड़ान कुल 30 मिनट की रहेगी। हवा में आधे घंटे तक भारतीय वायुसेना की बारीकियों का जायजा लिया।
दिल्ली से हवाई मार्ग के जरिए अंबाला छावनी पहुंचने के बाद, राष्ट्रपति ने जिप्सी में खड़े होकर परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने जवानों से मुलाकात की और एयरफोर्स स्टेशन की अलग-अलग यूनिट्स का भी जायजा लिया। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन देश के राफेल विमानों के स्क्वॉड्रन का सबसे खास अड्डा है। यहां राष्ट्रपति मुर्मू ने अधिकारियों से राफेल विमान की तकनीक, उसे चलाने के तरीके और सुरक्षा से जुड़ी अहम बातों को समझा।
फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर ही भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे थे। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। यह ऑपरेशन सात मई को शुरू किया गया था और 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद समाप्त हुआ था।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हमेशा सेना से जुड़े कामों में दिलचस्पी दिखाई है। उनका यह दौरा भी उसी का एक हिस्सा माना जा रहा है। इस दौरान उन्होंने अफसरों और जवानों से बात की और देश की रक्षा ताकत व महिलाओं को सेना में आगे बढ़ाने जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। इससे पहले, उन्होंने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। वह सुखोई में उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति बन गई थीं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम (2006) और प्रतिभा पाटिल (2009) भी यह उड़ान भर चुके हैं। इस हाई-प्रोफाइल दौरे के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि एयरफोर्स स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई और केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही मोबाइल के बिना प्रवेश दिया गया।






