एक सर्वे के अनुसार, 90% यादव वोटर्स महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल) को वोट देने की इच्छा जता रहे हैं। हालांकि, सरकार बनाने के लिए एक बड़ी शर्त का पूरा होना जरूरी है: एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण का सुरक्षित रहना। यादव समाज का मानना है कि एमवाई समीकरण तभी सफल होगा जब मुस्लिम वोट सुरक्षित होंगे। महागठबंधन की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि 2020 के बाद मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में एआईएमआईएम (AIMIM) ने मजबूत पकड़ बनाई है। यदि महागठबंधन एआईएमआईएम के साथ सीट शेयरिंग नहीं करता है, तो वोटों के भारी बंटवारे के कारण एमवाई समीकरण पूरी तरह से ध्वस्त हो सकता है। बिहार में बदलाव होगा या नहीं, यह पूरी तरह से एमवाई समीकरण की अगली चाल पर निर्भर करता है।
एक सर्वे के अनुसार, 90% यादव वोटर्स महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल) को वोट देने की इच्छा जता रहे हैं। हालांकि, सरकार बनाने के लिए एक बड़ी शर्त का पूरा होना जरूरी है: एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण का सुरक्षित रहना। यादव समाज का मानना है कि एमवाई समीकरण तभी सफल होगा जब मुस्लिम वोट सुरक्षित होंगे। महागठबंधन की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि 2020 के बाद मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में एआईएमआईएम (AIMIM) ने मजबूत पकड़ बनाई है। यदि महागठबंधन एआईएमआईएम के साथ सीट शेयरिंग नहीं करता है, तो वोटों के भारी बंटवारे के कारण एमवाई समीकरण पूरी तरह से ध्वस्त हो सकता है। बिहार में बदलाव होगा या नहीं, यह पूरी तरह से एमवाई समीकरण की अगली चाल पर निर्भर करता है।






