
ऐसे करें अक्षय नवमी की पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Akshaya Navami 2025 Date and puja time: सनातन परंपरा में कार्तिक मास का बहुत ज्यादा महत्व है। क्योंकि, इस महीने में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। दिवाली और छठ महापर्व के बाद आंवला नवमी या फिर अक्षय नवमी मनाई जाती है। आपको बता दें, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। जो कि, इस बार अक्षय नवमी 31 अक्टूबर को है।
अगर हिंदू मान्यता की बात करें तो, यह तिथि अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गई है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा करने पर साधक को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए अक्षय नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि इस साल 30 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 10:06 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 31 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 10:03 बजे तक रहेगी।
ऐसे में अक्षय नवमी का पावन पर्व 31 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 06:06 बजे से लेकर 10:03 बजे तक रहेगा। ऐसे में अक्षय नवमी की पूजा करने के लिए इस दिन तकरीबन तीन घंटे का समय मिलेगा।
शास्त्रों के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले व्यक्ति को स्नान-ध्यान कर लेना चाहिए।
इसके बाद आंवले के पेड़ के की जड़ में दूध और शुद्ध जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद आंवले के पेड़ की रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, पुष्प, फल, आदि अर्पित करके विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
आंवले के पेड़ की पूजा करने वाले साधक को इस दिन इस वृक्ष की सात बार परिक्रमा अवश्य करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने पर व्यक्ति को श्रीहरि, यानि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वह पूरे साल सुखी और संपन्न रहता है।
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इस पर्व को लेकर यह भी मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले को प्रसाद के रूप में खाने से आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।






