Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की हवा में चुनावी तापमान चरम पर है। गांवों के चौपालों से लेकर शहरों की चाय दुकानों तक, हर जगह सिर्फ एक ही चर्चा है, कौन जीतेगा इस बार? लेकिन इस तेज राजनीतिक हलचल के बीच एक ऐसी खामोशी है जिसने पूरे राजनीतिक विमर्श को हिला दिया है। यह खामोशी किसी आम नेता की नहीं, बल्कि कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी की है। सवाल उठ रहा है, वोटिंग की घड़ी नजदीक है, लेकिन राहुल गांधी कहां हैं? बिहार की चुनावी जमीन पर उनकी गैरमौजूदगी सिर्फ राजनीतिक उत्सुकता का विषय नहीं रही, बल्कि यह अब एक रणनीतिक रहस्य बन चुकी है, जिसे कांग्रेस ने अब तक जनता या मीडिया के सामने स्पष्ट नहीं किया है।
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की हवा में चुनावी तापमान चरम पर है। गांवों के चौपालों से लेकर शहरों की चाय दुकानों तक, हर जगह सिर्फ एक ही चर्चा है, कौन जीतेगा इस बार? लेकिन इस तेज राजनीतिक हलचल के बीच एक ऐसी खामोशी है जिसने पूरे राजनीतिक विमर्श को हिला दिया है। यह खामोशी किसी आम नेता की नहीं, बल्कि कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी की है। सवाल उठ रहा है, वोटिंग की घड़ी नजदीक है, लेकिन राहुल गांधी कहां हैं? बिहार की चुनावी जमीन पर उनकी गैरमौजूदगी सिर्फ राजनीतिक उत्सुकता का विषय नहीं रही, बल्कि यह अब एक रणनीतिक रहस्य बन चुकी है, जिसे कांग्रेस ने अब तक जनता या मीडिया के सामने स्पष्ट नहीं किया है।






