'अंधेरी के राजा' गणेश जी का फर्स्ट लुक
मुंबई : मुंबई में कल शनिवार से गणेशोत्सव का शुभारंभ हो रहा है। इस उत्सव को लेकर मुंबई और पश्चिम उपनगर के कई गणेशोत्सव मंडलों ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। अंधेरी पश्चिम में आजाद नगर मेट्रो स्टेशन के पास आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति द्वारा गणेशोत्सव मनाया जाएगा। ‘अंधेरी के राजा’ को पश्चिमी उपनगरों के पूजनीय गणपति और विशेष रूप से कष्ट निवारण गणपति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है। इस साल अंधेरी के राजा राजस्थान के जैसलमेर स्थित पटवा हवेली में विराजमान होंगे।
यह साल इस मंडल का 59वां साल है। हर साल लाखों गणेश भक्त और कई मशहूर हस्तियां अंधेरी के राजा के दर्शन करते हैं। इस दौरान भक्तों की सुरक्षा के लिए 500 से ज्यादा गणसेवकों को तैनात किया जाएगा, जिसमें महिला और पुरुष शामिल हैं। इस वर्ष इस पंडाल का 12 करोड़ रुपए का बीमा कराया गया है।
आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति द्वारा शुक्रवार को अंधेरी के राजा का फर्स्ट लुक और पटवा हवेली का हूबहू थीम दिखाया गया। इस दौरान समिति के मुख्य मार्गदर्शक एवं पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष यशोधर (शैलेश) फणसे, अध्यक्ष अशोक राणे, कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र धाडिया, सचिव विजय सावंत, कोषाध्यक्ष-सुबोध चिटनीस व प्रचार प्रमुख उदय सालियान उपस्थित थे।
इस साल की थीम राजस्थान की शाही विरासत को दर्शाती है। मंडप में सजावट और प्रतिकृतियां हवेली के झरोखों, नक्काशी और पारंपरिक तत्वों को पूरी तरह से दर्शाती हैं। मंडप के आंतरिक भाग में 40 गुना 110 फीट के क्षेत्र में मुख्य गभारा बनाया गया है, जहां पर श्री अंधेरी के राजा की 9 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की जाएगी। यह पूरी सजावट 70 से अधिक कुशल कारीगरों द्वारा 45 दिनों में बनाई गई है। इसका नेतृत्व धर्मेश शाह और उनकी टीम द्वारा किया गया, जिसमें बढ़ई, रंगरेज, फैब्रिकेटर और श्रमिक शामिल हैं।
गाभारा पटवा की हवेली के मुख्य बैठक कक्ष की तर्ज पर तैयार किया गया है, जिसमें एक शानदार झूमर भी शामिल है। भक्तों की सुविधा के लिए पंडाल में स्टैंडिंग एसी भी लगाए जाएंगे। पंडाल का सजावट पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। इस साल यहां भक्त भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास का जीवंत अनुभव कर पाएंगे। बता दें कि पिछले साल छत्रपति शिवाजी महाराज के रायगढ़ किले की थीम पर यहां की सजावट की गई थी।
पिछले साल की तरह इस साल भी समिति ने अंधेरी के राजा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड जारी किया है। समिति ने स्पष्ट किया है कि हाफ पैंट और छोटी स्कर्ट पहनने वाले भक्तों को अंधेरी के राजा के दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। हाफ पैंट और स्कर्ट पहनकर आने वाले पुरुषों और महिलाओं कपड़ा दिया जाएगा। भक्त इन कपड़ों को पहनकर बप्पा के दर्शन कर सकते हैं। समिति अध्यक्ष अशोक राणे और कोषाध्यक्ष सुबोध चिटनिस ने बताया कि यह नियम 15 साल पहले लागू किया गया था और हर साल इसका पालन किया जाता है।
समिति द्वारा इस वर्ष भी यहां कई धार्मिक आयोजन किए जाएंगे, जिसमें तुला दान, भजन-कीर्तन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल है। इस दौरान सभी भक्तों को बप्पा के चरण स्पर्श दर्शन करने की अनुमति भी दी जाएगी।
समिति द्वारा बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए दर्शन के लिए अलग से सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा रक्षक सीधे बप्पा के दर्शन के लिए ले जाएगे। पंडाल में वीआईपी लोगों के लिए कोई सुविधा लागू नहीं की गई है। आम श्रद्धालुओं की तरह वे भी दर्शन का लाभ उठा पाएंगे।
पंडाल परिसर में एक विशाल बाहरी क्षेत्र भी शामिल है, जिसमें स्टॉल और प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। पूरा परिसर 40 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेगा। साथ ही 25 अग्निशामक सिलिंडर की व्यवस्था, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, मंडल के स्वयंसेवक और स्थानीय पुलिस द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
इस साल भी संकष्टी के शुभ दिन, 21 सितंबर को शाम 6 बजे बप्पा का विसर्जन धूमधाम से किया जाएगा। विसर्जन के दौरान भारी संख्या में गणेश भक्तों को शामिल होने की संभावना हैं।