सिंहस्थ में 'एआई' पुलिस की होगी कड़ी नज़र। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नासिक:आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का व्यापक उपयोग करेगा। बढ़ती आबादी की तुलना में सीमित जनशक्ति की समस्या को हल करने में एआई तकनीक उपयोगी साबित होगी और सिंहस्थ में एआई पुलिस की तीसरी आंख होगी, ऐसी जानकारी राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक निखिल गुप्ता ने दी।
आगामी सिंहस्थ की पृष्ठभूमि में शनिवार (21) को पुलिस आयुक्तालय में पुलिस विभाग के अधिकारियों के काम की समीक्षा के लिए बैठक हुई। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सिंहस्थ के लिए पुलिस की तैयारियों पर टिप्पणी की। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्ता ने कहा, ‘सिंहस्थ के लिए डेढ़ से ढाई साल का समय है, और इस अवधि में तैयारियां करना संभव है।
प्रयागराज की तर्ज पर नासिक के सिंहस्थ में भी कानून व्यवस्था की दृष्टि से नई तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए अभी प्री-प्लानिंग चल रही है। पुलिस कमिश्नरेट के विस्तार का मुद्दा हर सिंहस्थ में रहता ही है। हालांकि यह स्थानीय अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र का मामला है। अगर उनकी ओर से कोई अनुरोध आता है और प्रस्ताव आता है तो उस पर विचार किया जाएगा, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया। सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गुप्ता ने मौजूद अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए।
गुप्ता ने विश्वास व्यक्त किया कि पुलिस विभाग ने ई-साक्ष्य नामक एक ऐप विकसित किया है, जो पंच फितूरी को रोकने में उपयोगी होगा। घटनास्थल पर घटना का पंचनामा करते समय दर्ज की गई गवाही कैमरे के सामने दर्ज की जाएगी।
न्यायाधीश गवाही को ‘ई-साक्ष्य’ ऐप पर वीडियो अपलोड करके न्यायालय में प्रस्तुत करते समय देख सकेंगे। इसलिए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसी भी तरह के दबाव के कारण पंच फितूरी नहीं की जाएगी। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति शून्य नंबर से किसी भी थाने में अपराध दर्ज करा सकता है। इसके बाद वहां क्षेत्राधिकार का कोई मुद्दा नहीं रहेगा। शून्य नंबर से दर्ज अपराध 48 घंटे के भीतर संबंधित थाने को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
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साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है, इसे रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता पैदा की जाएगी। यह पहल शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू की जाएगी और 112 सीरियल नंबर का महत्व भी समझाया जाएगा। उपस्थित उद्यमियों द्वारा साइबर अपराध का मुद्दा उठाए जाने के बाद नागरिकों से बातचीत करते हुए उन्होंने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समृद्धि राजमार्ग पर लूटपाट की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे।
नागरिकों से संवाद करते हुए उपस्थित उद्यमियों ने कहा कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस चौकियां स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी मांग की कि जहां भी पुलिस चौकियों की आवश्यकता है, वहां चौकियों को पुलिस थानों में तब्दील किया जाए।
उन्होंने यह भी मांग की कि शहर पुलिस का क्षेत्र बढ़ाया जाए। इस अवसर पर एनआईएमए अध्यक्ष आशीष नाहर, एआईएमए अध्यक्ष ललित बूब, पूर्व अध्यक्ष धनंजय बेले, हर्षद बेले, कैलास पाटिल आदि ने सवाल उठाए। गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस समय उद्यमियों की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाए।