आशीष शेलार और उद्धव ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां राज्य में अपनी साख बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। इस दौरान शिवसेना यूबीटी चुनाव के लिए मनसे से हाथ मिलाने की कोशिश कर रही है। लेकिन अभी तक दोनों पार्टी प्रमुखों ने इस बात पर सहमति नहीं जताई है। शिवसेना यूबीटी की वर्तमान स्थिति पर मंत्री आशीष शेलार ने तंज कसा है।
महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने रविवार को विपक्षी दल शिवसेना यूबीटी की स्थिति की तुलना मुंबई की ‘खतरनाक’ और ‘जर्जर’ इमारतों से कर दी है। दो पूर्व पार्षदों को भाजपा में शामिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के 50 पूर्व पार्षद पहले ही प्रतिद्वंद्वी गुट में शामिल हो चुके हैं।
आशीष शेलार ने कहा, “अविभाजित शिवसेना ने 2017 के मुंबई निकाय चुनावों में 84 सीट जीती थीं जबकि भाजपा को 82 सीट पर जीत मिली थी। अब 100 से अधिक पूर्व पार्षदों के साथ हम शिवसेना की मूल संख्या को पार कर चुके हैं। शिवसेना यूबीटी के अलावा अन्य दलों के पूर्व पार्षद भी हमारे साथ आए हैं।”
मंत्री ने कहा कि मुंबई वासियों के आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी आगामी नगर निगम चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना यूबीटी की हालत मुंबई की खतरनाक, जर्जर और जीर्ण-शीर्ण इमारतों जैसी हो गई है। भाजपा नेता ने कहा, “पार्टी की हालत खतरनाक है क्योंकि यह हिंदुत्व विरोधी, मुंबई विरोधी और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा विरोधी हो गई है। यह जीर्ण-शीर्ण है क्योंकि कोई भी इसमें नहीं रहना चाहता।”
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बता दें, कि महाराष्ट्र में सभी 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। वर्तमान में ये सभी प्रशासकों के अधीन हैं। 27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया था।
राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने जानकारी देते हुए बताया था कि चुनाव में देरी के बहुत से कारण थे। इनमें ओबीसी आरक्षण, वार्ड गठन, स्थानीय निकायों में सदस्यों की संख्या, सरकार द्वारा वार्ड गठन की शक्ति लेने से संबंधित याचिकाएं भी शामिल थीं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)