
ओमप्रकाश चौधरी केस (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: हाई कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद, इस आदेश को चुनौती देते हुए ओमप्रकाश चौधरी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए ट्रायल का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। साथ ही, अगली सुनवाई से 48 घंटे पहले काउंटर एफिडेविट दायर करने के भी आदेश जारी किए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनन डागा, अधिवक्ता आकृति चौबे और अधिवक्ता राजेंद्र डागा ने पैरवी की। हलफनामे में शामिल की जाने वाली आवश्यक जानकारी,आरोप पत्र (चार्जशीट) का विवरण, यदि दाखिल किया गया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, याचिकाकर्ता ओमप्रकाश 19 सितंबर 2023 से हिरासत में हैं और वह दो वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं। 17 सितंबर 2023 को मृतक किशोर राठौड़ और शिकायतकर्ता संदीप ठाकरेले, ओमप्रकाश की दुकान ओम हार्डवेयर पर नकली सोने का झूमर दिखाने गए थे। अगले दिन, 18 सितंबर को किशोर राठौड़ अपने साथियों के साथ दोबारा नकली सोना बेचने के लिए डांगोरली गांव गए।
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि लौटते समय चार लोगों ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारकर गिरा दिया। इसके बाद पाँच और लोग जिनमें याचिकाकर्ता ओमप्रकाश भी शामिल बताए जाते हैं। वहाँ पहुंचे और नकली सोना बेचकर ठगी करने के आरोप में सभी को लात-घूंसों से पीटना शुरू कर दिया। पिटाई के दौरान किशोर राठौड़ बेहोश हो गए और बाद में अस्पताल में उन्हें मृत घोषित किया गया।
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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनन डागा ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष ने ओमप्रकाश पर छड़ी से सिर, पसलियों और पैरों पर हमला करने का आरोप लगाया है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि खोपड़ी और पसलियाँ सुरक्षित थीं तथा सिर के नीचे कोई चोट नहीं थी।
मृत्यु का कारण यकृत की आंतरिक चोट और छोटी आंत में रक्तस्राव बताया गया है। फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि चोटें हाथ, मुक्का या पैर जैसी कुंद वस्तु से हो सकती हैं, लेकिन रिपोर्ट में छड़ी का कोई उल्लेख नहीं है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि चूँकि उन पर यकृत पर हमला करने का कोई विशिष्ट आरोप नहीं है, इसलिए उनके कथित हमले के कारण मृत्यु होना संभव नहीं है।






