
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Child Rape In Shirur: बीड जिले के शिरूर में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म की दर्दनाक घटना हुई। इस मामले में मासूम के साथ इससे भी ज्यादा ज्यादती यह हुई कि बदनामी के डर से गांव वालों ने बच्ची को 4 दिन तक अस्पताल नहीं ले जाने दिया।
यही नहीं, परिवार को शिकायत के लिए पुलिस थाने भी नहीं जाने दिया गया, बच्ची को असहनीय पीड़ा होने के बावजूद गांव वालों ने बैठकें बुलाकर मामला दबाने का फैसला लिया। आखिरकार बच्ची की मां ने हिम्मत जुटाई और परिजनों के साथ सीधे पुलिस अधीक्षक नवनीत कोंवत से संपर्क किया।
इसके बाद शिरूर कासार पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और तड़पती बच्ची को बीड के शासकीय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
हाल ही में नाशिक के मालेगांव डोंगराले में 3 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद पत्थर से कुचलकर हत्या करने की घटना से राज्य में आक्रोश व्याप्त है। इसे लेकर नाशिक में शरद पवार की एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का काफिला रोककर विरोध प्रदर्शन किया। इस पर शिंदे ने मामला फास्टट्रैक कोर्ट में चलाने का आश्वासन दिया।
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पीड़िता की मां ने रोते हुए बताया कि सब लोग धमकाते थे कि बदनामी होगी। गांव का नाम खराब नहीं होना चाहिए
मेरी बच्ची दर्द से कराह सही थी, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। आरोपी बच्ची का नजदीकी रिश्तेदार है, जिसके कारण पूरे परिवार को धमकियां मिल रही थी।






