
नागपुर न्यूज
Mayo Hospital Nagpur: वर्तमान में वातावरण में बदलाव, प्रदूषण जैसे अनेक कारणों की वजह से एलर्जी की शिकायत बढ़ गई है। गर्मी के दिनों में एलर्जी त्वचा पर गहरे प्रभाव डालती है। वहीं ठंड के दिनों में श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसके अलावा लोगों को खाद्य एलर्जी यानी दूध, अंडे, मूंगफली, मछली, शेलफिश, सोया और गेहूं से भी होती है।
तमाम तरह की एलर्जी के इलाज के लिए इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में राज्य का पहला एलर्जी क्लिनिक शुरू किया जा रहा है। विशेषज्ञ की नियुक्ति कर सप्ताहभर के भीतर क्लिनिक शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में एलर्जी की शिकायत आम हो गई है।
एलर्जी कई तरह की होती है। जैसे पराग एलर्जी घास, पेड़ों और खरपतवारों से होती है जिसे एलर्जिक राइनाइटिस या फीवर भी कहते हैं जो मौसमी होता है। धूल के कण, जानवरों की त्वचा, लार या मूत्र में मौजूद प्रोटीन और फफूंद के बीजाणुओं के सांस के साथ शरीर में जाने से एलर्जी होती है।
मधुमक्खी, ततैया जैसे कीटों के काटने के अलावा पेनिसिलिन जैसी दवाओं से ही एलर्जी होती है। अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस (नाक, आंखें, गला), त्वचा संबंधी संबंधी एलर्जी भी प्रमुख हैं।
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मेयो के अधिष्ठाता डॉ. रवि चव्हाण ने बताया कि ईएनटी, रेसपेरेटरी मेडिसिन और त्वचा रोग विभाग में आने वाले एलर्जी के मरीजों के लिए क्लिनिक कार्यरत रहेगा। यहां एक विशेषज्ञ की नियुक्ति की जा रही है। विशेषज्ञ सभी तरह की एलर्जी की बीमारियों का इलाज करेंगे।
इससे मरीजों को अलग-अलग विभागों में भटकने और नौबत नहीं आएगी। एक ही जगह सभी तरह के टेस्ट की सलाह दी जाएगी। यह राज्य का शासकीय सेटअप में अपने तरह का पहला प्रयोग है। इससे मरीजों को राहत मिलेगी।






