विश्व रेबीज दिवस 2025 (pic credit; social media)
World Rabies Day 2025: बीएमसी ने साल 2030 तक मुंबई को पूरी तरह रेबीज मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में बीएमसी प्रशासन ने बड़े पैमाने पर रेबिज उन्मूलन अभियान शुरू किया है। वर्ष 2023 से अब तक 1 लाख से ज्यादा कुत्तों का टीकाकरण किया जा चुका है। यह कदम न केवल जानवरों बल्कि इंसानों की सुरक्षा के लिए भी बेहद अहम है।
हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है और इसी अवसर पर बीएमसी ने अपनी उपलब्धियां और भविष्य की रणनीति साझा की। प्रशासन का कहना है कि मुंबई को रेबीज मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिक्षा सत्र और व्यापक स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है।
बीएमसी इस अभियान में जीपीएस ट्रैकिंग और डब्ल्यूडीएस ऐप जैसे डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर रही है। इसके जरिए टीकाकरण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा अपडेट किया जा रहा है। कुत्तों के टीकाकरण के लिए 163 संस्थानों में विशेष रेबीज टीकाकरण केंद्र कार्यरत हैं।
वर्ष / अवधि | आंकड़े/गतिविधि | स्थिति/प्रभाव |
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2023 से अब तक | 1,00,000+ कुत्तों का टीकाकरण | मुंबई में अब तक का सबसे बड़ा अभियान |
2024 | कुत्तों के काटने की घटनाएं लाखों में दर्ज | मामलों में कमी लाने पर फोकस |
2024 | 1 लाख से अधिक छात्रों को जागरूक किया गया | स्कूल और सामुदायिक स्तर पर प्रशिक्षण |
2024 | 75,000 एनजीओ सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया | नागरिक भागीदारी को बढ़ावा |
वर्तमान स्थिति | 163 रेबीज टीकाकरण केंद्र कार्यरत | अभियान को निरंतर गति |
कस्तूरबा अस्पताल | रेबीज रोगियों के लिए विशेष वार्ड | मरीजों की देखभाल के लिए सुविधा |
रेबीज रोग मुख्य रूप से कुत्तों के माध्यम से फैलता है। इसे रोकने के लिए बीएमसी कुत्तों और बिल्लियों की नसबंदी भी करवा रही है। इसके साथ ही कस्तूरबा अस्पताल में रेबीज रोगियों के लिए एक विशेष वार्ड उपलब्ध कराया गया है।
बीएमसी आयुक्त ने अपील की है कि मुंबई को सुरक्षित और रेबीज मुक्त बनाने के लिए हर नागरिक को इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिए। वर्ष 2024 में कुत्तों के काटने की घटनाएं लाखों में दर्ज की गई थीं। इन्हें कम करने के लिए स्कूल और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए। अब तक लाखों छात्रों और एनजीओ के 75 हजार सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है।