
चक्रवात दितवाह के बीच फरिश्ता बनी भारतीय वायुसेना, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Indian Air Force Rescue Sri Lanka: चक्रवात दितवाह ने श्रीलंका में भारी विनाश मचाया है। देशभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है और अब तक 334 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 370 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश युद्धस्तर पर जारी है। इस बीच, राहत और बचाव के मोर्चे पर भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय नौसेना श्रीलंका के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आए हैं।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने जानकारी दी कि ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारतीय वायुसेना का रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। सोमवार को IAF के IFC-1875 हेलीकॉप्टर ने 10 बच्चों सहित 57 लोगों को इरुंगुवाट्टा से मटाले तक सुरक्षित निकाला। यही नहीं, हेलीकॉप्टर के जरिए कीगल जिले में 2.5 टन राशन भी पहुंचाया गया।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना के INS सुकन्या ने त्रिंकोमाली में 12 टन आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई, जिसमें खाद्य पदार्थ, दवाइयां और अन्य जरूरी वस्तुएं शामिल हैं। इन सामग्रियों को श्रीलंकाई प्रशासन को तत्काल वितरण हेतु सौंप दिया गया।
श्रीलंका के पर्यटन उप मंत्री रुवान रणसिंघे ने भारत की सहायता के लिए आभार जताते हुए बताया कि एनडीआरएफ की विशेषज्ञ टीम, जिसमें भूस्खलन विशेषज्ञ भी शामिल हैं, बदुल्ला जिले में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है। टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की तलाश, नुकसान का आकलन और राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है।
ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने अब तक 40 श्रीलंकाई सैनिकों और 104 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। कई इलाकों में सड़क संपर्क टूट जाने के कारण एयरलिफ्ट ऑपरेशन ही राहत का एकमात्र विकल्प बन गया है।
तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान कैंडी शहर में दर्ज हुआ है, जहां 88 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा बादुल्ला 71 मौतें, नुवारा एलिया में 68 मौतें और इसके साथ ही मटाले में 23 लोगों की मौत हुई है।
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डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में 309,607 परिवार और 11 लाख से अधिक लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। कई क्षेत्रों में संचार और आवागमन पूरी तरह बाधित है, जिससे राहत कार्यों में चुनौती बढ़ गई है।
हालात गंभीर हैं, लेकिन भारतीय एजेंसियों की सक्रियता और श्रीलंका प्रशासन की कोशिशों से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है। मौसम में सुधार के साथ राहत कार्यों में और तेजी आने की उम्मीद है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






