एयरपोर्ट में पक्षी सुरक्षा योजना लागू (pic credit; social media)
Maharashtra News: इस साल के अंत तक शुरू होने जा रहे नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष वन्यजीव जोखिम प्रबंधन रणनीति तैयार की है। यह रणनीति खासकर पक्षी सुरक्षा योजना पर केंद्रित है, क्योंकि हवाई अड्डा आर्द्रभूमि, मैंग्रोव, जंगल और शहरी बस्तियों के बीच विकसित किया गया है।
1,160 हेक्टेयर में फैली इस ग्रीनफील्ड परियोजना का विकास नवी मुंबई एयरपोर्ट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो अदानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड और सिडको की संयुक्त इकाई है। अधिकारियों के मुताबिक, नई रणनीति शहरी विमानन सुरक्षा के लिए एक मानक साबित होगी।
2018 में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) को हवाई अड्डे से 10 किलोमीटर के दायरे में पक्षियों का सर्वेक्षण करने का जिम्मा सौंपा गया था। अध्ययन में 231 प्रजातियां दर्ज की गईं। हवाई अड्डे परिसर में 2018 में 80 प्रजातियां दर्ज हुई थीं, जो 2024 में घटकर केवल 26 रह गईं। यह बदलाव आवास संशोधन उपायों का नतीजा है, जिनमें ऐसी वनस्पतियों को हटाया गया जो पक्षियों को बसेरा बनाने के लिए आकर्षित करती थीं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उन क्षेत्रों की पहचान की जहां पक्षियों के जमावड़े की संभावना अधिक थी। इन स्थानों को चिह्नित कर भू-तकनीकी उपायों से जोखिम कम किया गया। साथ ही, पानी के स्रोत और खुले स्थानों को इस तरह संशोधित किया गया कि वे पक्षियों को आकर्षित न करें।
लाइसेंस प्राप्त करने से पहले दूसरे चरण में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बर्ड गार्ड इंडिया को नियुक्त किया। यह संस्था हवाई अड्डा वन्यजीव जोखिम प्रबंधन का ऑडिट करने और निगरानी रखने के लिए प्रमाणित है।
अधिकारियों का कहना है कि तकनीक, आवास प्रबंधन और सामुदायिक सहभागिता को मिलाकर तैयार की गई यह रणनीति सुनिश्चित करेगी कि नवी मुंबई एयरपोर्ट पर बर्ड स्ट्राइक जैसी घटनाओं का खतरा न्यूनतम हो और यात्री निश्चिंत होकर सफर कर सकें।