गणेश नाईक, एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री है और नवी मुंबई के दिग्गज गणेश नाईक सरकार का हिस्सा होने के बावजूद, नवी मुंबई महानगरपालिका और सिडको पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का प्रभाव साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। इसी कारण भाजपा कार्यकर्ताओं और पूर्व नगरसेवकों में असंतोष गहराता जा रहा है।
भाजपा नेताओं का आरोप है कि वार्ड संरचना के दौरान नियमों की अनदेखी कर मतदाता सूची में हेरफेर की गई है। उनका कहना है कि यह ‘वार्ड चोरी’ शिंदे गुट के इशारे पर हुई है। गणेशोत्सव समाप्त होते ही भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है और मनपा प्रशासन के खिलाफ बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज कराने की योजना बना रही है।
अब तक नवी मुंबई में गणेश नाईक का वर्चस्व कायम रहा है, लेकिन इस बार उन्हें शिंदे गुट की शिवसेना से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो नवी मुंबई मनपा पर पार्टी की पकड़ कमजोर हो सकती है।
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गणेश नाईक और एकनाथ शिंदे के बीच सियासी मतभेद लंबे समय से जारी हैं। नाईक समर्थकों का आरोप है कि शिंदे की वजह से नाईक परिवार को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। हाल ही में मनपा आयुक्त डॉ. कैलाश शिंदे द्वारा घोषित वार्ड संरचना योजना के बाद विवाद और गहरा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे नवी मुंबई में नाईक के गढ़ को कमजोर करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने विभिन्न पार्टियों के करीब 50 पूर्व नगरसेवकों को अपने साथ जोड़ा है। आरोप है कि वार्ड संरचना भी उनकी पार्टी के अनुकूल की गई है। वहीं, दिल्ली में शिंदे ने भाजपा नेताओं से गठबंधन में स्थानीय चुनाव लड़ने की भी मांग की थी, लेकिन नाईक गुट इसके खिलाफ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गणेशोत्सव खत्म होने के बाद यह विवाद और तेज होगा। भाजपा और शिंदे गुट आमने-सामने होंगे और नवी मुंबई मनपा चुनाव की राजनीति राज्यभर में चर्चा का विषय बनेगी।