गोरेगांव सावरकर फ्लाईओवर (pic credit; social media)
Mumbai Goregaon Savarkar flyover: मुंबई के इंफ्रास्ट्रक्चर को नया रूप देने की दिशा में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने एक बड़ा निर्णय लिया है। गोरेगांव के सावरकर फ्लाईओवर को अब हटाया जाएगा और उसकी जगह अत्याधुनिक डबल-डेकर पुल बनाया जाएगा। यह पुल मालनाद-मिंडस्पेस से दिंदोशी को जोड़ते हुए कोस्टल रोड प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा होगा।
BMC अधिकारियों के अनुसार मौजूदा सावरकर फ्लाईओवर पुराना हो चुका है और ट्रैफिक लोड को देखते हुए यह अब पर्याप्त नहीं है। मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए इस इलाके में हाई-कैपेसिटी कॉरिडोर की जरूरत थी। इसी कारण फ्लाईओवर हटाकर डबल-डेकर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया और अब इस पर सिद्धांततः मंजूरी मिल गई है।
डबल-डेकर पुल बनने से गोरेगांव और आसपास के इलाकों में यातायात की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। नीचे की लेयर पर लोकल ट्रैफिक का संचालन होगा, जबकि ऊपर की लेयर पर हाई-स्पीड कोस्टल रोड से जुड़ा ट्रैफिक गुजरेगा। इससे रोजाना घंटों जाम में फंसे यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट से उपनगरों को दक्षिण मुंबई से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। वहीं, कुछ लोगों ने निर्माण के दौरान बढ़ने वाली ट्रैफिक समस्या और धूल-प्रदूषण को लेकर चिंता भी जताई है।
BMC ने भरोसा दिलाया है कि निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, ताकि आम लोगों को कम से कम असुविधा हो। साथ ही, सड़कों पर डायवर्जन और ट्रैफिक प्रबंधन की विशेष योजना लागू की जाएगी।
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पहले से ही मुंबई के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है। अब गोरेगांव का यह डबल-डेकर ब्रिज इसे और मजबूत करेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले वर्षों में इस कॉरिडोर से पश्चिमी उपनगरों का सफर न केवल तेज होगा बल्कि मुंबई की ट्रैफिक समस्या पर भी बड़ा असर पड़ेगा। मुंबई का चेहरा बदलने वाले इस फैसले से साफ है कि शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर अगले दशक में और हाई-टेक होने जा रहा है।