गोरेगांव बेस्ट बस डिपो में फिर बने गहरे गड्ढे (pic credit; social media)
Deep potholes at Goregaon BEST bus depot: गोरेगांव (पूर्व) बेस्ट बस डिपो की हालत इन दिनों बेहद खराब हो गई है। डिपो में जगह-जगह बने गहरे गड्ढे न केवल बस चालकों और यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं, बल्कि बीएमसी की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
मई महीने के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश के दौरान इस डिपो की सड़क पर बड़े गड्ढे बन गए थे। ‘नवभारत’ में खबर प्रकाशित होने के बाद तत्काल पैचिंग का काम किया गया, लेकिन मात्र तीन महीने में सड़क फिर से गड्ढों में तब्दील हो गई। इससे साफ है कि निर्माण की गुणवत्ता और तकनीक पर गंभीर लापरवाही बरती गई।
इस बस डिपो से रोज़ाना लगभग 50 हज़ार यात्री सफर करते हैं। रॉयल पंप, आदर्श नगर, आरे कॉलोनी, नागरी निवारा, संतोष नगर, फिल्म सिटी, दिंडोशी, एंटॉप हिल और कुर्ला जैसे इलाकों के लिए यहां से बड़ी संख्या में बसें चलती हैं। डिपो की खस्ताहाल स्थिति के कारण बस से निकलने वाले छींटों से यात्रियों के कपड़े खराब हो जाते हैं। वहीं चालकों को लगातार हादसे का डर बना रहता है।
बरसात के दौरान हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं। गड्ढों में पानी भर जाने से उनका अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है। अंधेरे में चलते यात्रियों के गिरने और घायल होने की घटनाएं आम हो गई हैं। नागरिकों का कहना है कि यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं किया गया।
डिपो में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह इलाका चार-चार महीने तक पानी में डूबा रहता है। दो फीट तक गहरे गड्ढों में गिरकर यात्री चोटिल हो रहे हैं। वहीं बस चालक भी कई बार दुर्घटना का शिकार बनते हैं।
यात्रियों और कर्मचारियों को एक और गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। डिपो में स्टाफ के लिए बनाए गए शौचालय की ड्रेनेज लाइन टूट गई है और सीवरेज के ढक्कन खुले पड़े हैं। इसके कारण 452 नंबर बस स्टॉप पर इंतज़ार करने वाले यात्रियों को बदबू सहनी पड़ती है।
ओशिवारा बस डिपो के कर्मचारियों ने बताया कि बरसात ने डिपो की सड़क को नुकसान पहुंचाया है और मरम्मत का काम जल्द शुरू कराया जाएगा। लेकिन स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हर साल यही वादे किए जाते हैं और कुछ महीनों बाद हालत जस की तस हो जाती है। कुल मिलाकर, गोरेगांव बस डिपो की दुर्दशा ने यात्रियों की सुरक्षा और बीएमसी की साख दोनों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।