गैस पाइपलाइन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: नागपुर में 45 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। इस पाइपलाइन के जरिए कम से कम 40,000 घरों, उद्योग तक पहुंच बन गई है। हरियाणा सिटी गैस (एचसीजी) को नागपुर जिले की जिम्मेदारी दी गई है और कंपनी ने कार्य को काफी आगे तक बढ़ा दिया है। कंपनी को गेल की पाइपलाइन से नागपुर तक गैस पहुंचने का इंतजार है।
मुंबई से नागपुर तक गैस लाने के लिए गेल ने जुलाई तक का समय निर्धारित किया था लेकिन इसमें और विलंब होने की बात सामने आ रही है। अक्टूबर-नवंबर में गैस नागपुर पहुंचती है तो एचसीजी अगले वर्ष तक ही घरों तक पाइप के जरिए गैस पहुंचाना शुरू कर सकेगी। एचसीजी के अधिकारियों ने बताया कि आज की तारीख तक बूटीबोरी, हिंगना, मिहान, चिंचभुवन का संपूर्ण पट्टा गैस पाइपलाइन से जुड़ गया है।
हिंगना और बूटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र भी जुड़ गए हैं। कई उद्योगों से बातचीत भी हो गई है। बड़ी-बड़ी 150 से अधिक कंपनियों ने पाइपलाइन से गैस लेने के लिए हामी भी भर दी है। पाइप से गैस लेना उनके लिए सस्ता सौदा साबित होगा जिसके कारण कंपनियों में रुचि भी है लेकिन गैस के नागपुर तक आने का सभी इंतजार कर रहे हैं।
जानकारों ने बताया कि इस पाइपलाइन के जरिए सीएनजी की भी आपूर्ति की जाएगी, इसलिए अभी से 25 नये सीएनजी पंप खोलने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में 25 पंप संचालित हैं। एचसीजी खुद भी कम से कम 10 पंप खोलने पर गंभीर है। कंपनी जमीन की तलाश कर रही है। पाइप से गैस पहुंचाना सस्ता होगा इसलिए उम्मीद है कि सिटी में सीएनजी की कीमतें भी घट सकती हैं। कंपनी वर्धा रोड, हिंगना, समृद्धि पर विशेष फोकस कर रही है। सीएनजी पंप बढ़ने से शहर में सीएनजी वाहनों की संख्या में वृद्धि होने की भी उम्मीद है। आज सीमित उपलब्धता होने के कारण लोग सीएनजी को कम प्राथमिकता देते हैं।
जानकारों ने बताया कि जिस प्रकार से लोगों के बीच सर्वे किया गया है और बातचीत हुई है। आरंभिक दौर में ही 2.25 से 2.50 लाख क्यूबिक मीटर सीएनजी की खपत हो सकती है। इसमें से औद्योगिक ग्राहक 1 लाख क्यूबिक मीटर, सीएनजी पंप 1 लाख क्यूबिक मीटर के बीच रह सकती है। इसी प्रकार गैस की बात करें तो उद्योग में 12 से 12.5 लाख क्यूबिक मीटर गैस की खपत हो सकती है और घरों में 25 से 30 हजार क्यूबिक मीटर गैस खपत होने की संभावना जताई जा रही है।
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सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए पाइपलाइन क्षमता में 844 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। गेल ने कहा है कि पाइपलाइन क्षमता 3 साल में बढ़ाई जाएगी। इसमें 844 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि प्रस्तावित निवेश को उसके निदेशक मंडल ने जून में मंजूरी दी है।
1,702 किलोमीटर लंबी मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा पाइपलाइन परियोजना की पूर्णता योजना को 30 जून से 30 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। इसके लिए 411.12 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी। स्पष्ट है कि गैस पहुंचने में विलंब होगा और इसका असर सीधे-सीधे घरों में गैस पहुंचाने पर पड़ेगा।