महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या (कंसेप्ट फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या चिंता का कारण बनी हुई हैं। किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने सरकार को भी परेशानी में डाल रखा है। कभी फसलों की बर्बादी तो कभी कर्जमाफी से मनाही से त्रस्त होकर किसानों को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ता है। इस मामले को विधानसभा में भी उठाया गया।
विधानसभा में किसानों की आत्महत्या को लेकर मंत्री मकरंद जाधव ने एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में मंत्री ने किसानों की आत्महत्या के मामले में कितने किसान मुआवजे के पात्र रहे और कितने अपात्र रहे, इसका खुलासा किया। महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव ने राज्य विधानसभा को सूचित किया है कि मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में मार्च 2025 में 250 किसानों की आत्महत्या हुई और अप्रैल 2025 में 229 किसानों की आत्महत्या हुई।
मराठवाड़ा और विदर्भ के क्षेत्रों में मार्च के आंकड़ें पर बात करते हुए मंत्री मकरंद जाधव ने बताया कि मार्च में आत्महत्या करने वाले 250 किसानों में से 102 सरकारी मुआवजे के लिए पात्र थे, 62 अयोग्य थे और 77 मामलों की जांच चल रही है। अप्रैल में आत्महत्या करने वाले कुल 229 किसानों में से 74 मुआवजे के पात्र हैं, 31 अपात्र हैं और 124 मामले जांच के लिए लंबित हैं।
Maharashtra Minister for relief and rehabilitation, Makrand Jadhav has informed the State Assembly that in Marathwada and Vidarbha regions, 250 farmers died by suicide in March 2025 and 229 farmers died by suicide in April 2025. Out of 250 farmers’ suicides in March, 102 were…
— ANI (@ANI) July 4, 2025
इस पर अब सवाल यह उठता है कि पिछले दो महीनों में कुल 479 किसानों ने आत्महत्या की और इनमें से केवल 176 किसान ही मुआवजे के पात्र है। ऐसे में बाकि किसानों के परिवारों का क्या होगा, जिन्होंने अपना मुख्य स्त्रोत तो खी ही दिया लेकिन साथ आगे बढ़ने के लिए किसी भी प्रकार की मदद भी नहीं मिल रही।
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हाल ही में लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों पर चिंता जताई थी। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले में ध्यान देने के लिए कहा था। उन्होंने पिछले तीन महीने के आंकड़ें बताते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में सिर्फ तीन महीने में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली और सरकार बस चुपचाप देख रही है। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र का किसान रोजाना कर्ज की गहराई में डूबता जा रहा हैं। बीज, खाद, डीजल महंगा होता जा रहा है लेकिन एमएसपी की कोई गारंटी नहीं हैं।