AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में चुनाव आयोग की SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “बैकडोर NRC” करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सुप्रीम कोर्ट के ‘लाल बाबू हुसैन’ फैसले और संसदीय कानूनों का उल्लंघन है। ओवैसी ने दावा किया कि चुनाव आयोग बिना अधिकार के नागरिकता की जांच कर रहा है और धर्म के आधार पर चुनिंदा लोगों को मताधिकार से वंचित कर रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि 3.66 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए और सरकार ने ‘विदेशी छूट आदेश 2025’ लाकर गैर-मुस्लिमों (CAA की तर्ज पर) को सुरक्षा दे दी, जबकि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई और चुनाव सुधारों के तहत जर्मनी जैसी ‘मिश्रित संसदीय प्रणाली’ अपनाने, चुनाव लड़ने की उम्र घटाकर 20-22 वर्ष करने और ‘वोट के अधिकार’ को मौलिक अधिकार बनाने की मांग की।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में चुनाव आयोग की SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “बैकडोर NRC” करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सुप्रीम कोर्ट के ‘लाल बाबू हुसैन’ फैसले और संसदीय कानूनों का उल्लंघन है। ओवैसी ने दावा किया कि चुनाव आयोग बिना अधिकार के नागरिकता की जांच कर रहा है और धर्म के आधार पर चुनिंदा लोगों को मताधिकार से वंचित कर रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि 3.66 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए और सरकार ने ‘विदेशी छूट आदेश 2025’ लाकर गैर-मुस्लिमों (CAA की तर्ज पर) को सुरक्षा दे दी, जबकि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई और चुनाव सुधारों के तहत जर्मनी जैसी ‘मिश्रित संसदीय प्रणाली’ अपनाने, चुनाव लड़ने की उम्र घटाकर 20-22 वर्ष करने और ‘वोट के अधिकार’ को मौलिक अधिकार बनाने की मांग की।






