मुंबई में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ (pic credit; social media)
Fake job racket busted in Mumbai: सरकारी नौकरी और आईटी विभाग में भर्ती का झांसा देकर बेरोजगारों को फंसाने वाले एक फर्जी रैकेट का मुंबई क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। इस गैंग ने चेंबूर के एक व्यापारी परिवार से 8 लाख रुपये की ठगी की थी। क्राइम ब्रांच ने तकनीकी विश्लेषण और गुप्त सूचना के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में विशाल कांबले (35), साहिल गायकवाड़ (20) और मास्टरमाइंड प्रकाश भालेराव (40) शामिल हैं।
मामला तब सामने आया जब चेंबूर म्हाडा कॉलोनी निवासी एक महिला ने पुलिस से शिकायत की। पीड़िता ने बताया कि विशाल कांबले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पहले उनके परिवार का विश्वास जीता। इसके बाद उसने उसके पति को आयकर विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। भरोसा दिलाने के लिए आरोपी ने नकली नियुक्ति पत्र और अन्य जाली कागजात भी दिखाए। धीरे-धीरे पीड़िता के परिवार से अलग-अलग समय पर 8 लाख रुपये ऐंठ लिए गए।
जब नौकरी नहीं मिली और रकम भी वापस नहीं हुई, तब पीड़िता ने क्राइम ब्रांच से संपर्क किया। जांच के दौरान पता चला कि इस गैंग का मास्टरमाइंड प्रकाश भालेराव है। वह नकली दस्तावेज और नियुक्ति पत्र तैयार करता था और इन्हें अन्य आरोपियों के जरिए पीड़ितों तक पहुंचाया जाता था।
क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 की टीम, जिसमें एपीआई धुतराज, कांस्टेबल देसाई और अन्य स्टाफ शामिल थे, ने आरोपियों के मोबाइल नंबर ट्रेस किए। इसके बाद एक मुखबिर की मदद से चुनाभट्टी इलाके से मास्टरमाइंड भालेराव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल किया और उसके साथियों के नाम भी उजागर किए। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस का मानना है कि इस गैंग ने सिर्फ चेंबूर ही नहीं बल्कि शहर के अन्य हिस्सों में भी कई लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगा हो सकता है। पुलिस अब अन्य पीड़ितों की तलाश कर रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से नौकरी या सरकारी भर्ती का लालच मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और बिना पुष्टि किए किसी को भी पैसे न दें।