मुंबई में 1000 करोड़ की कॉर्पोरेट धोखाधड़ी (pic credit; social media)
Corporate Fraud in Mumbai: आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मुंबई में एक बड़े कॉर्पोरेट धोखाधड़ी कांड का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो निदेशकों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय हेराफेरी का आरोप है। गिरफ्तार आरोपियों में 64 वर्षीय मंगेश पांडुरंग कदम और 44 वर्षीय ममता दिग्विजय सिंह शामिल हैं। दोनों को अदालत में पेश करने के बाद 16 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
EOW अधिकारियों के मुताबिक कदम को मित्तल टॉवर और रोड से हिरासत में लिया गया। मामला तब सामने आया जब व्यवसायी रजत झुनझुनवाला और राउल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आरोप था कि आरोपियों ने शाजस डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी जेएलएस रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के एमजीटी-7 फॉर्म में फर्जीवाड़ा किया।
जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी रजिस्ट्रार को जाली दस्तावेज़ जमा कराए गए और करीब 39 लाख शेयरों को अवैध रूप से डीमैट अकाउंट में डालकर फर्जी फर्मों को ट्रांसफर किया गया। इस हेराफेरी से न सिर्फ शिकायतकर्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि सरकारी खजाने को भी करीब 40 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा।
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पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने कंपनी की संपत्तियों को भी अवैध तरीके से ट्रांसफर कर अपने नियंत्रण में ले लिया था। इस पूरे फर्जीवाड़े को शेयर सर्टिफिकेट्स में हेरफेर और फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए अंजाम दिया गया। अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ एक कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि और भी कई संस्थानों में गड़बड़ियों की कड़ी जुड़ी हो सकती है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने संपत्तियों का मूल्यांकन कम दिखाकर भी फायदा उठाया, जिससे सरकार को राजस्व में लगभग 40 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। यह साफ तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और कंपनी एक्ट के गंभीर उल्लंघन का मामला है।
EOW ने दोनों निदेशकों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश के आरोप में केस दर्ज किया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। फिलहाल कोर्ट ने दोनों को 16 सितंबर तक हिरासत में भेजा है ताकि पुलिस उनसे और पूछताछ कर सके।