सचिन सावंत (pic credit; social media)
Nariman Point Land Deal: दक्षिण मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित कीमती जमीन की बिक्री को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आरबीआई को जमीन बेचे जाने का सौदा रद्द नहीं किया गया, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
बता दें कि मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने 5 सितंबर को करीब 16,842 वर्गमीटर (4.1 एकड़) जमीन का करार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ किया। यह सौदा 3,400 करोड़ रुपये में हुआ है और इस रकम का इस्तेमाल मेट्रो-3 (कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज) परियोजना में किया जाना है।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने इस सौदे को “धोखाधड़ी” करार देते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2015-16 में सरकार और मेट्रो प्राधिकरण ने आश्वासन दिया था कि मेट्रो कार्य पूरा होने के बाद राजनीतिक दलों को उसी जगह नए दफ्तर उपलब्ध कराए जाएंगे। लेकिन इस सौदे में किसी भी पार्टी से सलाह-मशविरा तक नहीं किया गया।
इसे भी पढ़ें- नरीमन पॉइंट डील: RBI ने 2,871 करोड़ में खरीदी जमीन, MMRCL को मिले 3,471 करोड़
सचिन सावंत ने दावा किया कि नरीमन पॉइंट स्थित जमीन की वास्तविक बाजार कीमत करीब 5,200 करोड़ रुपये है, लेकिन इसे मात्र 3,400 करोड़ में बेचा गया। इससे राज्य को 1,800 करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरबीआई को गुमराह किया गया क्योंकि उसे पहले दिए गए आश्वासन की जानकारी तक नहीं दी गई।
कांग्रेस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पार्टी नरीमन पॉइंट पर अपने पुराने कार्यालय की जगह उसी लोकेशन पर चाहती है। उन्होंने सरकार से तुरंत वादा निभाने की अपील की और कहा कि अगर सौदा रद्द नहीं किया गया तो कांग्रेस कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
इस विवाद ने आगामी राजनीतिक समीकरणों को और गरमा दिया है। कांग्रेस का कहना है कि जनता के हक की जमीन को कौड़ियों के भाव बेचा गया है और सरकार ने विपक्षी दलों से किए वादे को तोड़ा है। वहीं, सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। नरीमन पॉइंट का यह सौदा न सिर्फ आर्थिक नुकसान का मुद्दा बना है बल्कि विपक्ष के लिए सरकार को घेरने का बड़ा हथियार भी साबित हो रहा है।