हर्षवर्धन सपकाल-शरद पवार-उद्धव ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Leader of Opposition in Legislative Council: महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद पर कांग्रेस ने दावा ठोका है और इस पद के लिए पार्टी की ओर से सतेज पाटिल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के वर्तमान विपक्षी नेता अंबादास दानवे का विधायक कार्यकाल 29 अगस्त 2025 को समाप्त हो रहा है। इस कारण कांग्रेस ने इस पद के लिए जोरदार प्रयास शुरू कर दिए हैं।
कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर इस पद के लिए पार्टी का दावा प्रस्तुत किया है। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में सतेज पाटिल के नाम पर सहमति बनने की संभावना है। सतेज पाटिल के राजनीतिक अनुभव और पार्टी में प्रभाव को देखते हुए उनका नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है।
महा विकास आघाड़ी (MVA) में कांग्रेस के पास कुल 8 एमएलसी हैं, वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास 6 और शरद पवार की एनसीपी के पास 3 एमएलसी हैं। संख्या बल के आधार पर कांग्रेस ने विपक्ष के नेता पद का दावा किया है। कांग्रेस के एमएलसी में सतेज पाटिल, प्रज्ञा सातव, भाई जगताप, अभिजीत वंजारी, धीरज लिंगाडे, राजेश राठोड, जयंत आसगावकर और सुधाकर अडबाले शामिल हैं। जबकि ठाकरे गुट के एमएलसी उद्धव ठाकरे, मिलिंद नारवकर, जे.एम. अभ्यंकर, अनिल परब, सुनील शिंदे, सचिन अहिर और अंबादास दानवे (अगस्त तक) हैं।
कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद कांग्रेस को मिलने की मांग की है। इस दौरान उन्होंने संख्या बल का हवाला देते हुए पार्टी के अधिकार को स्पष्ट किया। सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत में सतेज पाटिल के नाम पर सहमति बन सकती है। सतेज पाटिल का राजनीतिक अनुभव और पार्टी में प्रभाव उन्हें इस पद के लिए अग्रणी बनाता है।
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वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता पद का फैसला अभी लंबित है। सरकार ने इस मामले को विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजा है। महा विकास आघाड़ी में ठाकरे गुट के 20, कांग्रेस के 16 और शरद पवार गुट के 10 विधायक हैं। हालांकि, विपक्ष के नेता पद के लिए आवश्यक 10 प्रतिशत संख्या किसी एक पार्टी के पास नहीं होने के कारण निर्णय में देरी हो रही है