महाराष्ट्र विधान भवन (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा के विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच हुई झड़प के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा फैसला लिया है। अब विधान भवन के अंदर आगंतुकों यानी विजिटर्स को एंट्री नहीं मिलेगी।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बताया कि विधानमंडल के सत्र के दौरान विधान भवन में आगंतुकों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इस दौरान केवल मंत्रियों, विधायकों, आधिकारिक तौर पर नामित उनके निजी सचिवों और सरकारी अधिकारियों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी।
राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि सदस्यों को अयोग्य घोषित करने में सक्षम एक आचार समिति का गठन एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह घटना विधान भवन के ग्राउंड फ्लोर पर गुरुवार शाम 5.45 बजे हुई। उन्होंने इस मामले में विधान भवन के मुख्य सुरक्षा अधिकारी से रिपोर्ट भी तलब की है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि सत्र के दौरान आगंतुकों को विधान भवन के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान केवल मंत्रियों, विधायकों, उनके आधिकारिक तौर पर नियुक्त निजी सचिवों और सरकारी अधिकारियों को ही अनुमति दी जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान मंत्रियों को विधानमंडल परिसर में आधिकारिक बैठकें करने और आगंतुकों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अपनी ऑफिशियल ब्रीफिंग और बैठकें राज्य सचिवालय और मंत्रालय में ही करनी होंगी। उन्होंने कहा कि विधायकों के साथ आए व्यक्तियों के आचरण के लिए उन्हें ही जवाबदेह ठहराया जाएगा।
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विधायक गोपीचंद पडलकर और जितेंद्र आव्हाड, दोनों ने अपने समर्थकों के बीच हुई झड़प को लेकर सदन में खेद व्यक्त किया था। नार्वेकर ने कहा कि विधायक आव्हाड और पडलकर के सहयोगी नितिन देशमुख और सरजेराव टाकले को सदन के विशेषाधिकार हनन के आरोप का सामना करना पड़ेगा। देशमुख और टाकले झड़प में शामिल थे और जिन्हें राज्य विधानमंडल के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया था।
विधासभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के मुताबिक, देशमुख ने दावा किया है कि वह आव्हाड के समर्थक हैं, जबकि टाकले ने कहा कि वह विधायक पडलकर के चचेरे भाई हैं। देशमुख और टाकले को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके साथ 6-7 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। देशमुख और टाकले अधिकृत पास के बिना विधायकों के साथ विधानमंडल परिसर में दाखिल हुए थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने संसद की तर्ज पर एक आचार समिति गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के साथ परामर्श के बाद एक सप्ताह के भीतर आचार समिति का गठन किया जाएगा। आचार समिति को सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार होगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)