
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Gadchiroli News: गड़चिरोली जिले के पेसा क्षेत्र में ठेका पद्धति से नियुक्त 450 शिक्षकों को 5 माह से मानधन नहीं मिला। निधि के अभाव में शिक्षकों की दिवाली अंधेरे में, असंतोष बढ़ा। राज्य के जिला परिषद शालाओं में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने पेसा क्षेत्र के लिए ठेका पध्दति से मानधन तत्व पर शिक्षकों को नियुक्त करने के आदेश जारी किये थे। इन्हीं आदेशों का पालन करते हुए गड़चिरोली जिले के पेसा क्षेत्र में आने वाले जिला परिषद स्कूल में इन शिक्षकों को नियुक्त किया गया है।
पांच महीनों से इन शिक्षकों को किसी तरह का मानधन नहीं दिये जाने से संबंधित शिक्षकों की दिवाली अंधेरे में है। प्रशासन की इस नीति के खिलाफ अब शिक्षकों में असंतोष भी व्यक्त होने लगा है।
राज्य सरकार के शालेय शिक्षा मंत्रालय ने जहां गांव-वहां शाला की तर्ज पर जिला परिषद की शालाएं आरंभ किये हैं। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में पिछले अनेक वर्षों से शिक्षकों के रिक्त पद होने से इन शालाओं में शिक्षारत विद्यार्थियों का लगातार शैक्षणिक नुकसान होता आ रहा है। इसी समस्या का निवारण करने के लिए जिले के पेसा क्षेत्र में 450 से अधिक शिक्षकों को ठेका पध्दति पर नियुक्त किया गया है।
इन शिक्षकों के वेतन के लिए प्रति माह 90 लाख रुपए का खर्च अपेक्षित है। लेकिन पांच माह से इन शिक्षकों के वेतन के लिए किसी भी प्रकार की निधि का नियोजन नहीं किया गया है। जिसके चलते इन शिक्षकों की दिवाली अंधेरे में है।
यह भी पढ़ें:- तात्या बिच्छू काटेगा…एक्टर महेश कोठारे के ‘मोदी का भक्त’ वाले बयान पर संजय राउत का तीखा वार- VIDEO
शिक्षकों द्वारा प्रलंबित वेतन के लिए अनेक बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पत्र व्यवहार किया गया है। लेकिन वेतन के लिए किसी प्रकार का नियोजन नहीं किये जाने से अब शिक्षकों में असंतोष व्यक्त होने लगा है। वहीं वेतन के अभाव में जिले के पेसा क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को अंधेरे में ही दिवाली मनाने की नौबत आन पड़ी।






