
सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-एक्स)
Nagpur Sports News: नागपुर में 26 से 31 अक्टूबर तक होने जा रहे मुख्यमंत्री कप अंतर-जिला बास्केटबॉल टूर्नामेंट से पहले ही विवाद गहराता नजर आ रहा है। कारण यह कि मुंबई सिटी जिले की तीन टीमों मुंबई साउथ ईस्ट, मुंबई साउथ वेस्ट और मुंबई सेंट्रल को प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति दी गई है। शिवछत्रपति पुरस्कार विजेता शत्रुघ्न गोखले ने आरोप लगाया कि यह निर्णय टूर्नामेंट के नियमों के खिलाफ है और महाराष्ट्र के अन्य जिलों के खिलाड़ियों के साथ अन्यायपूर्ण माना जा रहा है।
गोखले ने कहा कि नियमों के अनुसार किसी भी अंतर-जिला प्रतियोगिता में प्रत्येक जिले से केवल एक टीम को ही भाग लेने की अनुमति होती है। बावजूद इसके महाराष्ट्र राज्य बास्केटबॉल संघ ने अपनी ओर से तीन अलग-अलग “जिलों” का गठन किया और उन्हें टूर्नामेंट में शामिल किया जबकि नया जिला घोषित करने का अधिकार केवल महाराष्ट्र सरकार को है।
उन्होंने कहा कि इस कदम से मुंबई के 36 खिलाड़ियों को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में लाभ प्राप्त होगा। जैसे कि क्रीड़ा गुण, नौकरी में 5 प्रतिशत आरक्षण आदि। वहीं नागपुर सहित अन्य जिलों के खिलाड़ियों की संख्या केवल 12 तक सीमित रहेगी। यह स्थिति स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण और असमान अवसर प्रदान करने वाली है। जानकारी के अनुसार, मुंबई साउथ ईस्ट और मुंबई साउथ वेस्ट के नाम से गठित जिले वास्तव में एक ही इलाके के दो क्लब हैं, जिनके बीच मात्र 300 मीटर की दूरी है। इसीलिए इस निर्णय को “स्वयं निर्मित जिलों की मनमानी” बताया जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित अधिकृत प्रतियोगिताओं में मुंबई सिटी और मुंबई सबअर्बन ही मान्यता प्राप्त दो जिले हैं। इसके बावजूद महाराष्ट्र राज्य बास्केटबॉल एसोसिएशन ने बिना सरकारी मंज़ूरी के अतिरिक्त जिलों को गठित कर लिया।
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नागपुर जिला बास्केटबॉल एसोसिएशन ने अपनी आम सभा में इस विषय पर चर्चा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें राज्य संघ से आग्रह किया गया कि प्रत्येक जिले से केवल एक टीम को ही खेलने की अनुमति दी जाए मगर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों में रोष बढ़ता जा रहा है।
गोखले ने चेतावनी देते हुए बताया कि यदि इस भेदभावपूर्ण निर्णय को तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो राज्यभर के बास्केटबॉल कोच, रेफरी और खिलाड़ी मुख्यमंत्री कप राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के दौरान आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के हितों की रक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए अब एकजुट होकर आवाज़ उठाना आवश्यक हो गया है।






