गड़चिरोली में सुरक्षाबलों को बंदूक सौंपते गामीण (फोटो नवभारत)
Entry Of Naxalites Stopped In Gadchiroli Village: इन दिनों नक्सली आत्मसमर्पण कर विकास की राह पर लौट रहे है। जिससे आत्मसमर्पण की ओर रूझान बढा है। लेकिन कुछ नक्सली अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब ग्रामीणों द्वारा नक्सलियों को गांवबंदी कर उनका दानापानी बंद किया जा रहा है। इसी के तहत भामरागड तहसील के लाहेरी पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले तुर्रेमरका गांव के नागरिकों ने नक्सलियों को गांवबंदी की।
जब नक्सलियों का गढ़ कहें जाने वाले क्षेत्र में नक्सल आंदोलन क्षीण हो रहा था, तब लहेरी थाने से 23 किलोमीटर दूर स्थित तुर्रेमरका गांव के नागरिकों ने थाने आकर सर्वसम्मति से नक्सल गांव बंद का प्रस्ताव पारित किया और 3 बंदूकें जमा की।
इस दौरान कहां कि, गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी संतुष्ट थे। एक जमाने में अगर सरकारी काम से थाने जाना होता था, तो छिपकर जाना पड़ता था। लेकिन बाद में यहां नक्सलियों का आतंक बढ़ गया था।
अगर कोई देख लेता तो जान के डर से कोई थाने आने की हिम्मत नहीं करता था। लेकिन अब पूरा गांव थाने में 3 बंदूकें जमा करने आया है। यह निश्चित रूप से सराहनीय है कि गांव के सभी नागरिक बंदूकें नहीं, बल्कि विकास का रास्ता चाहते हैं। हम आपके इस फैसले पर जरूर ध्यान देंगे और दूसरे गांवों को भी आपका अनुसरण करना चाहिए।
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गड़चिरोली पुलिस ने कहा कि क्षेत्र के अन्य नक्सली जो आत्मसमर्पण की तैयारी कर रहे हैं, वे ग्रामीणों के साथ बिना किसी डर के पुलिस स्टेशन आए और आपके निर्णय का स्वागत किया जाएगा, ऐसा कथन पुलिस थाना के प्रभारी पुलिस उपनिरीक्षक गणेश इंगले ने की।
इस कार्यक्रम में लाहेरी के नागरिक लक्ष्मीकांत बोगामी, सीआरपीएफ 37 बटालियन ए कंपनी के ओसी सचित्रा बिस्वाल, एसआरपीएफ के पुलिस निरीक्षक दत्तात्रय वरुडे, जिला पुलिस के अधिकारी तथाा तुर्रेमरका के ग्रामीण उपस्थित थे।