ग्राम सभा में मौजूद पदाधिकारी और ग्रामीण (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: गड़चिरोली जिले में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी जिले में शराब बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में पिछले कुछ वर्षों की अवधि में मुक्तिपथ संगठन द्वारा ग्रामीणों को शराब बिक्री संदर्भ में जागृत करने का काम किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में शराब बिक्री के खिलाफ जिले में जन आंदोलन होते दिखाई दे रहा है। जिले के विभिन्न गांवों में शराबबंदी समितियां गठित कर शराब विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाइयां की जा रही है।
सैकड़ों गांवों ने ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर शराब विक्रेताओं को सरकारी अनाज और ग्राम पंचायत से मिलने वाले विभिन्न दाखिलों से वंचित रखने जैसा निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब जिले की कुरखेड़ा तहसील अंतर्गत आने वाले खरमतटोला गांव की ग्रामसभा में गांव समेत परिसर में शुरू शराब बिक्री बंद करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
ग्रामसभा ने शराब विक्रेता के परिजनों को मनरेगा के कार्य से वंचित रखने का निर्णय लिया है। ग्रामसभा के इस निर्णय से क्षेत्र के शराब विक्रेताओं में खलबली मच गयी है। साथ ही खरमतटोला ग्रामसभा का निर्णय शराब बिक्री बंद करने के लिये कारगर साबित होने की बात कही जा रही है।
ग्रामसभा में सरपंच विजय तुलावी, ग्रापं सचिव, ग्रापं सदस्य, मुक्तिपथ टीम, शराबबंदी समिति की अध्यक्ष प्रियंका मडावी, उपाध्यक्ष रंजना तुलावी, सचिव रेवता नारडे, अंतकला खोडपे, संदेशा मडावी, शारदा पोरेटी, भागवण रामटेके, लता रामटेके, किरण फटिंग, पिंकू मडावी, शोभा गजबे, शिल्पा सुखदेवे, निरंजना मेश्राम, मनीषा लोणारे, शकुंतला मडावी समेत महिला और ग्रामीण उपस्थित थे।
ग्रामसभा में गांव की विभिन्न समस्याएं समेत शराब बिक्री का मुद्दा महिलाओं ने उपस्थित किया। जिसमें गांव में शराब बिक्री करने वाले शराब विक्रेता से 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने, ग्राम पंचायत द्वारा शराब विक्रेताओं को किसी भी तरह के दस्तावेज न देने, विशेषत: जुर्माने की राशि जमा न करने पर शराब विक्रेता के घर से कीमती सामग्री जब्त की जाएगी आदि समेत विभिन्न तरह के निर्णय लिये गये है। वहीं शराब बंदी के निर्णय पर अमल करने के लिए शराबबंदी समिति का भी गठन किया गया है।
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गड़चिराेली के खरमतटोला गांव में करीब 8 से 9 घरों में शराब बिक्री की जा रही थी। जिसके कारण परिसर के शिरपुर, अरततोंडी, देऊलगांव आदि गांवों के शराब शौकिन गांव में शराब पीने के लिए आ रहे है। जिसके कारण गांव में विवाद होने के साथ ही महिलाएं भी असुरक्षित महसुस कर रही थी।
इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए 10 अगस्त को पुलिस अधिकारी और मुक्तिपथ टीम की उपस्थिति में सभा का आयोजन कर शराबबंदी पर चर्चा की गई थी। इसके बाद अब ग्रामसभा का आयोजन कर शराबबंदी का प्रस्ताव पारित कर शराब विक्रेता के परिजनों को रोजगार गारंटी योजना के तहत काम न देने का निर्णय लिया गया है।