
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Thane News In Hindi: जिले की एक अदालत ने 6 साल पहले भिवंडी स्थित एक केवल कंपनी के गोदाम में हुई डकैती के सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष उनकी पहचान, संलिप्तता तथा महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत अपराध के आवश्यक शतों को साबित करने में विफल रहा।
विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश वी जी मोहिते ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों की पहचान से लेकर बरामदगी तक साक्ष्य की पूरी कड़ी कानूनी और प्रक्रियात्मक खामियों से ग्रस्त थी। अदालत ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और मकोका के तहत आरोपों से बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 18 जुलाई 2019 को जिले के भिवंडी क्षेत्र के मनकोली में केबल गोदाम में 8 अज्ञात लोगों ने कथित रूप से घुसकर श्रमिकों को बांध दिया और नकदी तथा ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही 6.77 लाख रुपये मूल्य के वॉलीकैब केबल तार के 64 चंडल लेकर फरार हो गए।
बाद में पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन अदालत ने मुख्य प्रत्यक्षदर्शियो की गवाही को विरोधाभासों और प्रक्रियागत उल्लंघनों के कारण अविश्वसनीय पाया, कल्याण स्थित अधारवाड़ी जेल में शिनाख्त परेड़ को भी रद्द कर दिया गया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट के साक्ष्य को दर्ज नहीं किया है। इन परिस्थितियों में अभियोजन पक्ष के गवाह के साक्ष्य और पहचान परेड पंचनामा पर भरोसा करना असुरक्षित है।
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मामले में बरी किए गए लोगों में बैतुल्ला रुआबली चौधरी (51), कबीर उस्मान शेख (48), स्वप्निल उर्फ गोट्या राजेंद्र पांचाल (38), बब्लू जंगबहादुर विश्वकर्मा (44), पूरन उर्फ कांचा शेरबहादुर सोनार (28), दीपक जगत विश्वकर्मा (30) और जमील माजिद खान (54) शामिल है।






