Lawrence Bishnoi Gang Crackdown: पंजाब-हरियाणा की अंडरवर्ल्ड दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई कभी एक ऐसा नाम था जिसके इशारे पर पूरी गैंग काम करती थी। गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, शहजाद भट्टी, दीपक टीनू जैसे कई नाम उसके भरोसेमंद चेहरों में गिने जाते थे। लेकिन बीते दो सालों में हालात बिल्कुल बदल चुके हैं। कभी लॉरेंस के ‘राइट हैंड’ कहे जाने वाले गोल्डी बराड़ ने उससे दूरी बना ली है। इसके अलावा रोहित गोदारा और अब शहजाद भट्टी भी अपना अलग रास्ता चुन चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि लॉरेंस के करीबियों का सर्किल क्यों टूट रहा है? आखिर क्यों उसके साथी एक-एक कर छिटकते जा रहे हैं और कैसे अब लॉरेंस गैंग का साम्राज्य धीरे-धीरे गिरता जा रहा है। दोनों की जान-पहचान कॉलेज और जेल सम्पर्क से शुरू हुई। लॉरेंस ने शुरुआती दौर में गोल्डी को फ्रंटलाइन में लाकर कई ऑपरेशन उससे करवाए. सिद्धू मूसेवाला, बाबा सिद्दीकी की हत्या, सलमान के घर फायरिंग कराने जैसी कई बड़ी वारदातों को लॉरेंस और गोल्डी ने मिलकर ही अंजाम दिया। इस साझेदारी ने तीन साल में बिश्नोई गैंग को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
Lawrence Bishnoi Gang Crackdown: पंजाब-हरियाणा की अंडरवर्ल्ड दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई कभी एक ऐसा नाम था जिसके इशारे पर पूरी गैंग काम करती थी। गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, शहजाद भट्टी, दीपक टीनू जैसे कई नाम उसके भरोसेमंद चेहरों में गिने जाते थे। लेकिन बीते दो सालों में हालात बिल्कुल बदल चुके हैं। कभी लॉरेंस के ‘राइट हैंड’ कहे जाने वाले गोल्डी बराड़ ने उससे दूरी बना ली है। इसके अलावा रोहित गोदारा और अब शहजाद भट्टी भी अपना अलग रास्ता चुन चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि लॉरेंस के करीबियों का सर्किल क्यों टूट रहा है? आखिर क्यों उसके साथी एक-एक कर छिटकते जा रहे हैं और कैसे अब लॉरेंस गैंग का साम्राज्य धीरे-धीरे गिरता जा रहा है। दोनों की जान-पहचान कॉलेज और जेल सम्पर्क से शुरू हुई। लॉरेंस ने शुरुआती दौर में गोल्डी को फ्रंटलाइन में लाकर कई ऑपरेशन उससे करवाए. सिद्धू मूसेवाला, बाबा सिद्दीकी की हत्या, सलमान के घर फायरिंग कराने जैसी कई बड़ी वारदातों को लॉरेंस और गोल्डी ने मिलकर ही अंजाम दिया। इस साझेदारी ने तीन साल में बिश्नोई गैंग को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।






