
बिना फायर ऑडिट के चल रहे होटल-भोजनालय (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli Hotels Fire Audit: अस्पतालों तथा सार्वजनिक स्थानों पर लगातार बढ़ रही आगजनी की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी अस्पतालों के साथ-साथ होटल, भोजनालय और स्कूलों का फायर ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन गड़चिरोली जिला मुख्यालय में इस आदेश का सरेआम उल्लंघन होता नजर आ रहा है। शहर के करीब 19 अस्पतालों ने अपने-अपने अस्पताल का फायर ऑडिट कर लिया है, लेकिन शहर के 50 से अधिक होटल, भोजनालय और बड़ी दुकानों ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इसके कारण नगर परिषद और संबंधित दुकानदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, नगर परिषद कार्यक्षेत्र में अग्नि प्रतिबंधक कानून के तहत सरकारी कार्यालयों के साथ 15 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों में अग्नि प्रतिबंधक प्रणाली लगाना अनिवार्य है। इसमें स्कूल, महाविद्यालय, अस्पतालों के साथ होटल, भोजनालय, मंगल कार्यालय और बड़ी दुकानों को शामिल किया गया है। गड़चिरोली जिला मुख्यालय में 2 सरकारी और 17 निजी सहित कुल 19 अस्पतालों का फायर ऑडिट किया गया है। लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में किसी भी होटल या भोजनालय प्रबंधन ने अपने प्रतिष्ठान का फायर ऑडिट नहीं कराया है।
फायर ऑडिट नहीं होने के कारण शहर के अधिकांश होटल और भोजनालय बड़ी आगजनी की घटना को आमंत्रित कर रहे हैं। नगर परिषद क्षेत्र में होटल, भोजनालय, रेस्टोरेंट, मिष्ठान दुकान और अन्य दुकान सहित हजारों प्रतिष्ठानों ने व्यवसायी लाइसेंस नगर परिषद से प्राप्त किया है। इन लाइसेंस का हर वर्ष नवीनीकरण करना आवश्यक है। नवीनीकरण की प्रक्रिया से नगर परिषद को बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन अधिकांश व्यवसायियों द्वारा नवीनीकरण की प्रक्रिया नहीं कराई जाती। फलस्वरूप नगर परिषद प्रशासन के राजस्व को भी नुकसान होता है।
हर वर्ष नवीनीकरण की प्रक्रिया के साथ फायर ऑडिट करना भी अनिवार्य है। ऐसा न करने पर संबंधित व्यवसायियों के खिलाफ अग्नि प्रतिबंधक व जीवन सुरक्षा उपाय योजना अधिनियम 2006 की धारा 5, 6, 7 और 8 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। बावजूद इसके, जिला मुख्यालय में अब तक किसी होटल या भोजनालय प्रबंधन द्वारा फायर ऑडिट की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है।
किसी भी स्थान पर होटल या भोजनालय शुरू करने से पहले संबंधित नगर परिषद/नगर पंचायत की अनुमति आवश्यक होती है। यह प्रणाली ऐसे होटल व भोजनालय प्रबंधन को अनुमति देती है जिनके पास पार्किंग की व्यवस्था हो, साथ ही उपभोक्ताओं के लिए प्रसाधन और अग्निरोधी उपकरण लगाए गए हों।
लेकिन गड़चिरोली शहर के अधिकांश होटल और भोजनालय राष्ट्रीय महामार्ग से सटे हुए हैं। यहां किसी तरह की पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में होटल व भोजनालय पहुंचने वाले उपभोक्ता अपने वाहन राष्ट्रीय महामार्ग पर ही खड़े कर रहे हैं, जिससे यातायात में बाधाएं और सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। नागरिक अब ऐसे होटल व भोजनालय की जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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नगर परिषद गड़चिरोली के दमकल अधिकारी अनिल गोवर्धन ने कहा कि शहर के होटल, भोजनालय और बड़ी दुकानों को फायर ऑडिट कराना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया पूरी न करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के पहले संबंधित प्रतिष्ठानों की बिजली और जलापूर्ति की सेवा भी बंद की जा सकती है।






