तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते कोतवाल (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Kotwal Protest: गड़चिरोली में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर विदर्भ राजस्व सेवक संगठन के बैनर तले राजस्व सेवक (कोतवाल) ने 10 सितंबर से आंदोलन की शुरूआत की है। बुधवार को कोतवालों ने काले फीते लगाकर कार्य करते हुए आंदोलन शुरू किया है। वहीं 11 सितंबर को तहसील स्तर पर तहसील कार्यालय के समक्ष धरना आंदोलन किया जाने वाला है।
महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संगठन की ओर से आंदोलन शुरू किया है। सरकारी स्तर से गांव स्तर तक राजस्व सेवक (कोतवाल) प्रामाणिक रूप से कार्य कर रहे है। लेकिन उनकी अवहेलना हो रही है। उन्हें अल्प मानधन पर 24 घंटे कार्य करना पड़ रहा है।
इससे पूर्व सरकार ने कोतवालों को चतुर्थी श्रेणी वेतनश्रेणी देने का आश्वासन दिया था। लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हुआ। जिससे 10 सितंबर को काले फीते लगाकर आंदोलन किया।
11 सितंबर को एक दिवसीय लक्षवेधी धरना आंदोलन किया जाने वाला है। वहीं 12 सितंबर को राजस्व मंत्री के परिसर में आंदोलन व श्रृंखलाबद्ध अनशन किया जाने वाला है। ऐसी बात तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में कही है। ज्ञापन सौंपते समय धानोरा राजस्व सेवक संगठन के तहसील अध्यक्ष आशीष पोरेटी, उपाध्यक्ष यशपाल टेंभूर्णे, सचिव महेश वलादे समेत धानोरा तहसील के सभी कोतवाल उपस्थित थे।
विदर्भ राजस्व सेवक संगठन तहसील शाखा अहेरी की ओर से मांग को लेकर आंदेालन करने संदर्भ में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में कहा है कि महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी कोतवालों पर होती है। राजस्व प्रशासन में योजनाएं अंतिम घटकों तक पहुंचाने के साथ ही विभिन्न राजस्व कार्य कोतवाल करता है।
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क्षेत्रीय स्तर पर पटवारी साझा से वरीष्ठ राजस्व सेवक 24 घंटे सरकारी सेवा देता है। लेकिन सरकार ने अब तक राजस्व सेवक (कोतवाल) को सरकार के वर्गीकृत कर्मी के भांति सेवा सुविधा लागू नहीं की है। जिससे राजस्व यंत्रणा में कोतवाल पद का स्थान तथा कार्य ध्यान में लेकर राजस्व सेवक पद को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद का दर्जा देकर अन्याय दूर करने की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपते समय संगठन के विदर्भ राजस्व सेवक संगठन के तहसील अध्यक्ष शंकर टेकुल, उपाध्यक्ष दिपक दुर्गेद्व सचिव राजे औनुरवार, रविंद्र करमे, संतोष कोडापे, चिरंजिव राऊत, वासुदेव कोडापे, तिरूपती आत्राम, विनोद मडावी, रविंद्र आत्राम, पेंटा वेलादी आदि उपस्थित थे।