मुंबई मंत्रालय (pic credit; social media)
Fraud in Ministry: सरकारी नौकरी की चाह में अक्सर लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं लेकिन महाराष्ट्र में नागपुर के ठगों ने अपनी करतूत से पूरे प्रशासन को हिला दिया। हैरानी की बात यह है कि मंत्रालय में कनिष्ठ लिपिक के पद की भर्ती का फर्जी इश्तेहार देने के बाद ठगों ने इच्छुक आवेदकों का सीधे साक्षात्कार मंत्रालय में लिया। इस धोखाधड़ी के बाद कड़ी सुरक्षा वाले मंत्रालय की प्रशासनिक व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है।
नागपुर के राहुल तायडे का 2019 में लॉरेंस हेनरी आरोपी से परिचय हुआ था। लॉरेंस, उसकी पत्नी शिल्पा और अन्य साथियों ने राहुल को मंत्रालय में जूनियर क्लर्क के पद के लिए नौकरी का झांसा दिया था।
राहुल से 9 लाख 50 हजार रुपए लेने के बाद उन्होंने फर्जी आईडी कार्ड का इस्तेमाल कर मंत्रालय में राहुल का फर्जी इंटरव्यू लिया और जे. जे. अस्पताल में उसकी मेडिकल जांच भी कराई थी। लेकिन बाद में जॉइनिंग लेटर नहीं मिलने पर राहुल तायडे को खुद के ठगे जाने का एहसास हुआ। राहुल ने नागपुर के हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
कई युवकों से करोड़ों की ठगी
नागपुर पुलिस के पास शिकायत दर्ज होने के बाद हरकत में आई नागपुर पुलिस क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरू की और लॉरेंस हेनरी को मुंबई से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में पता चला है कि हेनरी और उसके गिरोह ने 2019 से 2022 के बीच कई युवाओं को इसी तरह ठगा था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हेनरी का गिरोह बेरोजगारों से लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपए ठग चुका है। इस राशि के और बढ़ने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। इस मामले में हेनरी की पत्नी शिल्पा और दो अन्य आरोपी फिलहाल फरार हैं।