OBC का आरक्षण रहेगा सुरक्षित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में अनशन शुरू किया है। उन्होंने व्यावहारिक मांगें रखने के बजाय यह अड़ियल रुख अपनाया है कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे से ही आरक्षण दिया जाए। मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए, इस पर किसी को भी आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी एक समाज का हक छीनकर दूसरे को देना उचित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया, जिससे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को लाभ मिला।
मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने दिया और वह अभी भी कायम है। वर्ष 2014 से लेकर 2025 तक मराठा समाज के हित में निर्णय महायुती सरकार ने ही लिए हैं। अण्णासाहेब पाटिल महामंडल और सारथी संस्था के माध्यम से भी मराठा समाज को लाभ पहुंचाया गया है। किसी भी समाज के साथ अन्याय नहीं होगा। मराठा समाज को न्याय दिलाने का प्रयास सरकार के माध्यम से चल रहा है। ओबीसी के हक को प्रभावित किए बिना मराठा समाज को न्याय दिलाने का हल सरकार निकालने जा रही है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है।
ओबीसी समाज के हक को कोई ठेस नहीं पहुंचेगी। ओबीसी समाज को किसी भी प्रकार की भ्रांति में नहीं रहना चाहिए। ओबीसी का आरक्षण पूरी तरह सुरक्षित है, और उसमें एक प्रतिशत की भी कटौती नहीं होगी, ऐसा महाराष्ट्र प्रांतिक अध्यक्ष और पूर्व सांसद रामदास तडस ने कहा। साथ ही कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी ने भी इस प्रश्न पर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए, कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी विरोधी रही है, ऐसा भी आरोप पूर्व सांसद तडस ने किया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार उस समय चुप क्यों हैं, जब मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है? अन्य मुद्दों पर लगातार बोलने वाले शरद पवार इस मुद्दे पर शांत क्यों हैं? यह सवाल पूरे महाराष्ट्र के मन में उठ रहा है, और उनकी इस चुप्पी का अर्थ महाराष्ट्र समझता है, ऐसा भी तडस ने कहा।
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बता दें कि राज्य सरकार ने मनोज जरांगे को मांग के अनुरूप हैदराबाद गैजेट को संज्ञान में लेते हुए मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों की ‘कुणबी’ जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संदर्भ में शासनादेश (जीआर) जारी कर दिया, लेकिन इसके उपरांत में सवाल उठने लगा है कि क्या मराठों को आरक्षण ओबीसी कोटे से ही दिया जाएगा? क्योंकि यदि ऐसा होता है तो मुंबईकरों को और बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है।
इसकी चेतावनी उप मुख्यमंत्री अजित पवार की राका के वरिष्ट नेता एवं कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को जीआर जारी होने से पहले ही सरकार को दे दी है। भुजबल ने कहा है कि यदि मराठों को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की कोशिश की गई तो हम भी मुई आएंगे अधांत आंदोलन करेंगे। भुजबल ने कहा है कि मुंबई जाम करना हमारे लिए भी मुश्किल नहीं है।