कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News In Hindi: राज्य सरकार ने मनोज जरांगे को मांग के अनुरूप हैदराबाद गैजेट को संज्ञान में लेते हुए मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों की ‘कुणबी’ जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संदर्भ में शासनादेश (जीआर) जारी कर दिया, लेकिन इसके उपरांत में सवाल उठने लगा है कि क्या मराठों को आरक्षण ओबीसी कोटे से ही दिया जाएगा? क्योंकि यदि ऐसा होता है तो मुंबईकरों को और बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है।
इसकी चेतावनी उप मुख्यमंत्री अजित पवार की राका के वरिष्ट नेता एवं कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को जीआर जारी होने से पहले ही सरकार को दे दी है। भुजबल ने कहा है कि यदि मराठों को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की कोशिश की गई तो हम भी मुई आएंगे अधांत आंदोलन करेंगे। भुजबल ने कहा है कि मुंबई जाम करना हमारे लिए भी मुश्किल नहीं है।
अब जबकि सरकार ने गजेंट जारी कर दिया है और विशेषज्ञों का दावा है कि मनोज जरांगे अपने मिशन में कामयाब हो गए हैं। मंगलबार को जारी सरकारी जीआर के अनुसार, मराठों को ओबीसी से आरक्षण मिलने का गार्ग प्रशस्त हो गया है। खगन भुजबल सहित राज्य के अन्य ओबीसी नेताओं के अगले कदम पर सभी की नजरें टिक गई है।
मुंबई में पांच दिनों से चल रहा मराठा आदोलनकारी महेंज जराणे पाटिल का अनशन और मराड़ी का अदोलन मंगलवार को समाप्त हो गया लेकिन इससे पहले मंत्री छगन भुजबल ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि मराठा समुदाय अर्थिक व सामाजिक रूप से निजा नहीं है। वह ईडब्ल्यूएन, एसईबीसी, अपन और ओबीसी जैसे घर अरक्षगों का लाभ उठा रहा है। दिन भी अंगीली कोटे आरक्षण की मार की जा रहीं है। मनोज जराने पाटिल अपनी माग के सिर हैदराबाद गजट को आधार बना रहे है।
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मैने मुख्यमंत्री को सबूत दे दिए है. उस गजट में मराठी और कुनबियों को अलग दिखाया गया है। उस समय 1921 में, वहा 2 लाख मराठा थे, जबकि 33 हजार कुणबी थे, इसलिए कोई भी सीएम हो 50 प्रतिशत के दायरे में आरक्षण नहीं दे सकता। मुख्यमंत्री ने भी वादा किया है कि ओबीसी आरक्षण प्रभावित नहीं होगा, मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण नहीं दिया जा सकता, ऐसी मांग के साथ बुधवार से पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे।