मराठा आरक्षण खत्म (pic credit; social media)
Maharashtra News: आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में शुरू हुआ आंदोलन आखिरकार पांचवें दिन मंगलवार को समाप्त हो गया। आंदोलन खत्म होने के साथ ही मुंबईवासियों ने राहत की सांस ली। विशेषकर दक्षिण मुंबई, जहां स्कूल-कॉलेज से लेकर दफ्तर और बाजार तक पूरी तरह ठप हो गए थे, अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होने लगे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलन से मुंबईकरों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगी। आंदोलन के दौरान गणेशोत्सव की तैयारियों पर भी असर पड़ा और हजारों लोग राज्य के विभिन्न हिस्सों से मुंबई पहुंचे। इस कारण सीएसएमटी, फोर्ट, मरीन लाइंस जैसे इलाकों में ट्रैफिक जाम और अफरातफरी का माहौल बन गया था।
स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही थी। अब आंदोलन समाप्त होने के बाद शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौट आई है। वहीं, जीटी, कामा और सेंट जॉर्ज जैसे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं भी फिर से सामान्य हो गई हैं।
बेस्ट बसों का संचालन भी आंदोलन से प्रभावित हुआ था। कई रूट बंद कर देने से नरीमन प्वाइंट और कोलाबा जैसे क्षेत्रों में लोग पैदल सफर करने को मजबूर हुए। मंगलवार से सीएसएमटी से बस परिचालन बहाल कर दिया गया है।
कारोबार पर आंदोलन का गहरा असर देखा गया। कपड़ा और ज्वेलरी बाजार में बिक्री ठप हो गई, जिससे व्यापारियों को हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स के अध्यक्ष विरेन शाह ने कहा कि आंदोलन लंबा चलता तो रोजगार और व्यापार पर गंभीर असर पड़ सकता था।
लोकल ट्रेन सेवा, जिसे मुंबई की लाइफलाइन कहा जाता है, भी बाधित रही। पश्चिम और मध्य रेलवे में यात्रियों की संख्या लाखों में घटी। कई लोकल ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं और सीएसएमटी स्टेशन पर कचरे का ढेर लग गया। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने सीएसएमटी से वाशी तक चार विशेष लोकल ट्रेनें चलाईं।
अब आंदोलन समाप्त होने के बाद ट्रेनों और बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है और कारोबार भी रफ्तार पकड़ने लगा है। बुधवार से शहर पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है।