Health Department Is Celebrating Cpr Public Awareness Week In Akola
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘सीपीआर जनजागृति सप्ताह’,जीवनरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
CPR Public Awareness Week: सीपीआर एक ऐसी आपातकालीन प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति के हृदय की धड़कन या सांसें बंद होने की स्थिति में उसकी जान बचाने में सहायक होती है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘सीपीआर जनजागृति सप्ताह’
(सौजन्यः सोशल मीडिया)
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Akola News: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में ‘कार्डिओ-पल्मोनरी रिसुसिटेशन’ अर्थात सीपीआर जनजागृति सप्ताह का आयोजन किया गया है। यह सप्ताह आम नागरिकों को जीवनरक्षक तकनीक सीपीआर के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है। सीपीआर एक ऐसी आपातकालीन प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति के हृदय की धड़कन या सांसें बंद होने की स्थिति में उसकी जान बचाने में सहायक होती है।
इस जनजागृति अभियान का आयोजन जिलाधिकारी वर्षा मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीता मेश्राम, तथा स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. सुशीलकुमार वाकचौरे के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलीराम गाढवे और जिला शल्य चिकित्सक डॉ। आरती कुलवाल ने इस सप्ताह के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है।
आपातकालीन स्थिति में बचाई जा सकती है किसी की जान
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली के कारण हृदय रोगों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में सीपीआर जैसी तकनीक की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से श्वास या हृदय की धड़कन बंद होने पर व्यक्ति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य है कि मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजनयुक्त रक्त की आपूर्ति बनी रहे। सीपीआर देने से हृदयाघात के बाद जीवित रहने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है। यह तकनीक किसी भी व्यक्ति द्वारा सीखी और दी जा सकती है, जिससे आपातकालीन स्थिति में किसी की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर देने की प्रक्रिया
सबसे पहले आपातकालीन सेवाओं (108 या 112) को कॉल करें। व्यक्ति को सपाट सतह पर पीठ के बल लिटाएं। आसपास की स्थिति सुरक्षित है या नहीं, यह सुनिश्चित करें। व्यक्ति को झकझोरें या आवाज दें। यदि वह प्रतिक्रिया नहीं दे रहा और सांस नहीं ले रहा है, तो सीपीआर शुरू करें। छाती के मध्य भाग पर एक हाथ का तला रखें, दूसरा हाथ उसके ऊपर रखें। हाथ सीधे रखें और छाती को लगभग 5 सेमी (2 इंच) गहराई तक दबाएं। यह दबाव लगातार 30 बार दें। इसके बाद कृत्रिम सांस दें। व्यक्ति के मुंह से सांस फूंकें। यह चक्र तब तक दोहराएं जब तक मेडिकल सहायता नहीं पहुंचती या व्यक्ति होश में नहीं आता।
अकोला जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। बलीराम गाढवे ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रशिक्षण सत्र, प्रदर्शन, जनजागृति रैली और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इस तकनीक को सीखें और अपनाएं, ताकि संकट की घड़ी में किसी का जीवन बचाया जा सके। सीपीआर जनजागृति सप्ताह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और स्वास्थ्य पहल है, जो नागरिकों को स्वस्थ जीवन और आपातकालीन सहायता के प्रति जागरूक करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
Health department is celebrating cpr public awareness week in akola