
पति-पत्नी के रिश्तों पर प्रेमानंद महाराज की राय (सौ.सोशल मीडिया)
Premanand Maharaj Relationship Advice:हिन्दू परंपरा में विवाह एक ऐसा बंधन है जिसे समाज और संस्कृति दोनों ही अत्यंत पवित्र मानते हैं। पति‑पत्नी का रिश्ता प्यार, सम्मान, समझ और सहानुभूति पर आधारित होता है। इसके बावजूद आजकल तनाव, असंतुलन और समझ की कमी के कारण घरेलू रिश्ते कभी‑कभी टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं। ऐसे समय में यह सवाल उठता है कि क्या कभी पति‑पत्नी को एक‑दूसरे का त्याग कर देना चाहिए? आइए जानते है वृंदावन के आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज से इस विषय के बारे में-
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि यदि आपका पति व्यभिचारी है, दूसरों महिलाओं के साथ उसका संबंध है, ऐसी ही यदि आपकी पत्नी व्यभिचारी है और उसके दूसरे पुरुषों से संबंध है तो आपको उसका त्याग कर देना चाहिए। उससे अपने संबंध को तोड़ लेना चाहिए।
प्रेमानंद जी आगे कहते हैं कि यदि पत्नी आपके अधीन है यानि पत्नी आप से प्रेम करती है, वह आपके वैवाहिक बंधन का सम्मान करती है तो वह आपको गाली भी देती है तो उसको त्यागने की नहीं सोचना चाहिए।
यहां पत्नी के गाली देने का अर्थ यह है कि पत्नी आपकी गलत आदतों, दोष, अवगुण या बुराई के बारे में भला बुरा कहती है तो आपको उसे संबंध नहीं तोड़ना चाहिए।
प्रेमानंद महाराज जी का सबसे बड़ा संदेश यह है कि पति-पत्नी को एक-दूसरे के दोषों को न देखकर, प्रेम, सहयोग, और क्षमा के साथ जीवन जीना चाहिए।
जानें 11 दिसंबर को क्यों नहीं मनाते अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, कैसे बदल गई 21 जून में यह तारीख
वो आगे कहते हैं, ‘हमारी दंपतियों से प्रार्थना है कि अपनी भक्ति को गुप्त रखें। ईश्वर भक्ति में इतने अंधे ना हो जाएं कि एक दूसरे को चिड़ होने लगे। संबंध नहीं टूटने चाहिए, भक्ति तोड़ती नहीं बल्कि भक्ति जोड़ती है, सुख देती है। वैर विग्रह नहीं कराती है। डिवोर्स होने से बचाती है, भक्ति पर कलंक लग जाएगा।
ऐसा बिल्कुल नहीं चाहिए हठ पूर्वक ठाकुरजी को विराजमन करके दिन भर पूजा में लगे हैं और पति को दिक्कत हो रही है तो मन ही मन से राधा-राधा जप लें।






