दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे उमर अब्दुल्ला (सोर्स:-सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में गर्माहट है। दूसरी ओर इस गर्माहट को लेकर नई-नई खबरें सामने आ रही है। इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि यह उनकी पार्टी की ताकत को साबित करता है।
ये भी पढ़ें:-हरियाणा में फेल होता जा रहा है भाजपा का गुणा-गणित, भाग रहे नेताओं से चारों खाने चित होने का सता रहा डर
जानकारी के लिए बता दें कि अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए दो सीटों – गंदेरबल और बडगाम से नामांकन दाखिल किया है। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा मेरे साथी यह दिखाना चाहते थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस यह चुनाव कमजोर स्थिति से नहीं, बल्कि मजबूत स्थिति में लड़ रही है।
इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मेरा दो सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत की निशानी है, यह नेशनल कॉन्फ्रेंस की ताकत का सबूत है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बडगाम से उनके हारने का कोई जोखिम होता, तो पार्टी के साथी उन्हें यहां से चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देते।
अब्दुल्ला ने कहा चाहे बारामूला हो, श्रीनगर हो या अनंतनाग, नेशनल कॉन्फ्रेंस के पक्ष में लहर है और हमें उम्मीद है कि पार्टी सफल होगी तथा गठबंधन के उम्मीदवार भी जीतेंगे।” तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस का कांग्रेस के साथ गठबंधन है। इसके साथ ही अब्दुल्ला ने दावा किया कि जमीनी हालात नेकां के पक्ष में हैं। हम उन मूर्खों की तरह नहीं हैं जो 400 से अधिक (सीटों) की बात करते हैं और फिर 240 पर रुक जाते हैं। मुझे उम्मीद है कि जब मतगणना होगी तो हम सफल होंगे।
ये भी पढ़ें:-पीएम मोदी ने सिंगापुर के व्यापारियों को दिया काशी आने का न्योता, कारोबारियों से की ये बड़ी अपील
जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा महासचिव राम माधव के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि पूर्व आतंकवादी नेकां और पीडीपी के लिए प्रचार कर रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा नेता को अपने आरोप साबित करने चाहिए। उन्होंने कहा यहां तक कि हम जानते हैं कि इस चुनाव में कौन से निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके लड़ने से किसे फायदा होगा, मुझे लगता है कि राम माधव का यह कहना थोड़ा अजीब है कि नेकां पूर्व आतंकवादियों से फायदा उठा रही है। हमें बताएं कि ऐसा कहां है।