
VB-G RAM G Bill: देश के गांवों की सूरत बदलने के लिए मोदी सरकार आज संसद में एक अहम कदम उठाने जा रही है। बीते 20 वर्षों से ग्रामीण रोजगार की बुनियाद रही ‘मनरेगा’ (MGNREGA) अब अतीत बनने की कगार पर है। सरकार इसकी जगह ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G (वीबी जी राम जी) बिल, 2025 पेश करने की तैयारी में है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा में इस विधेयक को पेश करेंगे। सरकार का कहना है कि यह नया कानून ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को साकार करने वाला एक आधुनिक ढांचा होगा। इसमें काम के दिनों की संख्या बढ़ाई गई है, तकनीक का व्यापक इस्तेमाल होगा और खेती के मौसम को विशेष महत्व दिया गया है।
100 नहीं, अब 125 दिन रोजगार की गारंटी
सबसे बड़ा बदलाव काम के दिनों में किया गया है। मनरेगा में जहां साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी, वहीं नए कानून के तहत हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन के अकुशल श्रम की गारंटी दी जाएगी।
फंडिंग का नया फॉर्मूला: राज्यों पर बढ़ेगी जिम्मेदारी
मनरेगा में मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती थी, लेकिन नए बिल में यह व्यवस्था बदली गई है। अब खर्च केंद्र और राज्य मिलकर उठाएंगे।
खेती के सीजन में काम पर अस्थायी रोक
अक्सर किसान शिकायत करते थे कि बुवाई और कटाई के दौरान मजदूर नहीं मिलते क्योंकि वे मनरेगा में लगे होते हैं। नए बिल में प्रावधान है कि राज्य सरकारें ‘पीक एग्रीकल्चर सीजन’ घोषित करेंगी, जिसके दौरान इस योजना के तहत काम रोक दिया जाएगा ताकि किसानों को पर्याप्त मजदूर मिल सकें।
काम नहीं मिला तो 15 दिन में भत्ता
अगर किसी व्यक्ति ने काम मांगा और 15 दिन के भीतर रोजगार नहीं मिला, तो उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
चार प्राथमिक क्षेत्रों पर रहेगा जोर
सरकार चाहती है कि सिर्फ गड्ढे खोदने तक काम सीमित न रहे, बल्कि टिकाऊ संपत्तियां बनें। इसके लिए चार प्राथमिकताएं तय की गई हैं—
अब ‘डिमांड’ नहीं, ‘कोटे’ के आधार पर बजट
मनरेगा मांग-आधारित योजना थी, लेकिन नए कानून में केंद्र सरकार हर साल राज्यों के लिए एक तय बजट (Normative Allocation) निर्धारित करेगी। यदि कोई राज्य इससे अधिक खर्च करता है, तो अतिरिक्त राशि उसे खुद वहन करनी होगी।
हाईटेक होगी हाजिरी और भुगतान प्रणाली
भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम बनाया जाएगा। बायोमेट्रिक उपस्थिति, GPS से काम की निगरानी और AI के जरिए योजना व ऑडिट किया जाएगा, ताकि पैसा सीधे और सही लाभार्थी तक पहुंचे।
मजदूरी दर क्या होगी?
मजदूरी की दर केंद्र सरकार अधिसूचना के माध्यम से तय करेगी। बिल में स्पष्ट किया गया है कि यह दर मौजूदा मनरेगा मजदूरी से कम नहीं होगी। नई दरें लागू होने तक पुरानी मनरेगा दरें ही मान्य रहेंगी। बिल पास होने और लागू होने के छह महीने के भीतर सभी राज्य सरकारों को इस कानून के अनुरूप अपनी योजनाएं तैयार करनी होंगी।
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इस योजना के तहत गांवों में बनी सभी संपत्तियों जैसे तालाब, सड़क और भवन—का डेटा एक डिजिटल डेटाबेस में दर्ज किया जाएगा, जिससे यह पता चल सके कि किस गांव में कितना विकास हुआ है।






