पीएम नरेंद्र मोदी (सोर्स: सोशल मीडिया)
PM Modi praised RSS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराया। इसके बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमकर सराहना की। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (NGO) बताया। उन्होंने कहा कि संघ ने 100 वर्षों तक राष्ट्र की सेवा गौरवपूर्ण तरीके से की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि आज, मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि 100 वर्ष पहले, एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का। राष्ट्र की सेवा के 100 वर्ष एक गौरवपूर्ण, स्वर्णिम अध्याय हैं।
पीएम मोदी ने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा NGO बताते हुए कहा कि इसका 100 वर्षों का समर्पण का इतिहास है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ, मां भारती के कल्याण के उद्देश्य से, स्वयंसेवकों ने अपना जीवन हमारी मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
#WATCH | PM Narendra Modi says, “Today, I would like to proudly mention that 100 years ago, an organisation was born – Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS). 100 years of service to the nation is a proud, golden chapter. With the resolve of ‘vyakti nirman se rashtra nirman’, with the… pic.twitter.com/zGMb8H0arw
— ANI (@ANI) August 15, 2025
प्रधानमंत्री के इन बोलों के पीछे वो इतिहास है जो संघ के सेवाभाव को परिलक्षित करता है। एक ऐसा संगठन जिसने आपदा के समय अपनी जिम्मेदारी ने मुख नहीं मोड़ा। अग्रिम पंक्ति में खड़े हो देश का मान बढ़ाया। यह पहली बार नहीं है जब संघ की पीएम मोदी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
इसी साल मार्च में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ हुए इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के उनके जीवन पर प्रभाव की चर्चा की थी। उन्होंने अपने बचपन और संघ के कार्यों, जैसे झुग्गी-बस्तियों में सेवा, आदिवासी कल्याण, और लाखों बच्चों को सस्ती शिक्षा प्रदान करने के बारे में विस्तार से बताया था। पीएम मोदी ने संघ के सेवा कार्यों को महत्वपूर्ण बताया था।
पीएम मोदी ने कहा कि संघ के कुछ स्वयंसेवकों से तैयार सेवा भारती संगठन झुग्गियों में बिना किसी सरकारी सहायता के काम करता है। ये लोग 1 लाख 25 हजार सेवा प्रकल्प चलाते हैं। इसमें वे बच्चों को पढ़ाने और दूसरे काम करते हैं।
बता दें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। 20वीं सदी में भारत में एक अनूठे संगठन के रूप में उभरे आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और हिंदू समाज को संगठित करना रहा है।
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जब विदेशी शासन ने भारत की सांस्कृतिक और मानसिक एकता को कमजोर किया था, स्वतंत्रता से पहले के इस कठिन समय में डॉ. हेडगेवार ने समाज को एकजुट करने और राष्ट्रीय गौरव को पुनर्जनन देने का बीड़ा उठाया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य तिलक और महात्मा गांधी जैसे महान नेताओं के विचारों से प्रेरणा ली और एक ऐसे संगठन की नींव रखी जो समाज के हर क्षेत्र में राष्ट्रीयता की भावना को मजबूत करे।
आरएसएस ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से कार्य किया, जिसने वनवासियों के विकास और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, राम जन्मभूमि आंदोलन और कश्मीर बचाओ जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर आरएसएस ने समाज को जागृत करने का काम किया। संगठन ने सामाजिक बुराइयों जैसे छुआछूत, जातिगत भेदभाव और धर्मांतरण के खिलाफ भी सक्रियता से काम किया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)