अरविंद केजरीवाल (सोर्स- सोशल मीडिया)
Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल ने अहमदाबाद-राजकोट हाईवे स्थित प्रभु फार्म में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज चोटिला में किसान महापंचायत होनी थी, लेकिन वहां भारी बारिश हुई और खेत पानी से भर गए। जिसके कारण किसान महासभा स्थगित कर दी गई है।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे कपास उत्पादक किसानों ने कर्ज़ लेकर कपास की खेती की थी। किसानों को उम्मीद थी कि जब वे अपनी फसल बाज़ार में ले जाएंगे, तो उन्हें उसकी अच्छी कीमत मिलेगी। लेकिन केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी की सरकार ने 19 अगस्त को अमेरिकी कपास पर 11% आयात शुल्क हटा दिया और अब अमेरिकी कपास सस्ता बिकेगा। ऐसे में जब भारतीय किसान बाज़ार में अपना कपास बेचने जाएंगे, तो उन्हें खरीदार भी नहीं मिलेंगे।
दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि हीरा कारीगरों पर भी बहुत बड़ा संकट आ गया है। यहां सूरत में लाखों कारीगर बेरोज़गार और बेघर हो गए हैं। अमेरिकी सरकार ने भी हीरों पर 50% टैरिफ लगाया था, लेकिन मोदी सरकार ट्रम्प के दबाव में झुक गई और अमेरिका को कोई जवाब नहीं दिया। मोदी जी, आप हिम्मत दिखाइए, अमेरिका से आने वाले सामान पर 75% टैरिफ लगाइए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकार ने अमेरिकी कपास पर सितंबर तक आयात शुल्क हटाया था और अब इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया है। कपड़ा उद्योग ने अमेरिकी कपास के ऑर्डर दे दिए हैं। हमारे देश के किसानों को इसे खरीदने वाला कोई नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अब किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे। जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे, तब किसानों को 20 किलो के लिए 1500-1700 रुपये मिलते थे। आज जब मोदी जी प्रधानमंत्री हैं, तो किसानों को 20 किलो के लिए 1200 रुपये भी नहीं मिल रहे हैं। अब भारतीय किसानों को 900 रुपये से भी कम दाम मिलेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि आज चर्चा है कि गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में एक मामला चल रहा है, जिसमें उन्हें जेल भी हो सकती है। अब लोग कह रहे हैं कि अडानी को बचाने के लिए मोदी जी ट्रंप की गुंडागर्दी के आगे झुक रहे हैं और कपास किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहे हैं।
गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच, आम आदमी पार्टी ने रविवार को सुरेंद्रनगर के चोटिला में अपनी किसान महापंचायत स्थगित कर दी। चोटिला के न्यू मार्केटिंग यार्ड में होने वाले इस कार्यक्रम में पार्टी संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई पार्टी नेताओं के शामिल होने की उम्मीद थी। कपास पर आयात शुल्क में छूट देने के सरकार के फैसले के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा था।
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केंद्र सरकार ने पहले 30 सितंबर तक कपास के आयात पर शुल्क में छूट की घोषणा की थी। हालांकि, इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था, क्योंकि निर्माताओं ने कहा था कि 31 दिसंबर तक दी गई शुल्क छूट 30 सितम्बर का दिन नये ऑर्डर देने के लिए बहुत कम था और इससे केवल पारगमन शिपमेंट में ही मदद मिलेगी।