वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Nirmala Sitharaman On GST Reform: जीएसटी में व्यापक सुधार रातों-रात नहीं हुआ बल्कि इसकी शुरुआत जीएसटी परिषद की पिछले साल दिसंबर में जैसलमेर में हुई बैठक से पहले ही हो गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फोन कर जीएसटी को कारोबार के लिए सुविधाजनक बनाने और दरों को युक्तिसंगत बनाने को कहा था, जिसके बाद इस पर काम तेजी से आगे बढ़ा। यह बात खुद वित्त मंत्री ने बताई। इसके परिणामस्वरूप बेहद सरल जीएसटी सिस्टम का रास्ता साफ हुआ जिसमें टैक्स की दरें कम हैं।
इससे एक तरफ जहां कंपनियों के लिए अनुपालन का बोझ कम हुआ है वहीं रोजमर्रा के इस्तेमाल के समेत लगभग 400 वस्तुओं पर कर दरें कम हुई हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वास्तव में जीएसटी में व्यापक सुधारों का काम पहले ही शुरू हो चुका था।
वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्थान के जैसलमेर में हुई पिछली जीएसटी परिषद की बैठक से पहले ही, प्रधानमंत्री ने मुझे फोन करके कहा था कि एक बार आप जीएसटी को देख लो, कारोबार के लिए सुविधाजनक बनाओ और रेट पर इतने सारे भ्रम की स्थिति क्यों है? मुझे लगता है कि यह नौ महीने पहले हुई जैसलमेर बैठक से पहले की बात है। उन्होंने कहा कि फिर, बजट के दौरान, जब हम इनकम टैक्स पर चर्चा कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे (प्रधानमंत्री) याद दिलाया कि आप जीएसटी के ऊपर काम कर रही हैं न।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद मैंने यह निर्णय लिया कि अब समय आ गया है कि हम जीएसटी के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा करें, न केवल दरों की, न केवल स्लैब की संख्या की, बल्कि इस दृष्टिकोण से भी देखें कि एक व्यवसाय, स्मॉल या मीडियम बिजनेस के लिए यह कितना और बेहतर होगा’। हमने इन सब बातों पर गौर किया। वस्तुओं के कैटेगरी को देखा जिससे काफी भ्रम पैदा हो रहा था… फिर, स्वभाविक रूप से दर पर भी गौर किया। एक फरवरी, 2025 से लेकर लगभग 15 मई तक हम इसकी अध्ययन समीक्षा आदि का काम करते रहे।
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सीतारमण ने कहा कि मई के बीच मैं प्रधानमंत्री के पास गई, उन्हें जानकारी दी और बताया कि हम कदम उठाने के करीब हैं। यह एक प्रस्ताव का रूप ले सकता है और उनसे समय देने का अनुरोध किया…। उसके बाद उन्होंने कहा कि आप देखिये इसे कैसे जीएसटी परिषद में ले जा सकती हैं। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कि फिर मैं टीम के साथ बैठी और तय किया कि यह केंद्र का प्रस्ताव होगा, जो जीओएम को भेजा जाएगा, क्योंकि जीओएम में राज्यों के मंत्री हैं। मैं वहां नहीं हूं।