ताजे फल के सेवन (सौ. सोशल मीडिया)
Benefits of Fresh Fruits: भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सेहत का सही तरीके से ख्याल नहीं रख पा रहे है जिसका असर बीमारियों के रूप में सामने आता है। आयुर्वेद में आहार को ही सबसे बड़ी औषधि माना गया है। अक्सर प्रोसेस्ड फूड या पैकेज्ड नाश्ता करना पसंद करते हैं। इनसे शरीर को सिर्फ कैलोरी मिलती है, न कि जीवनदायी ऊर्जा। हमारा शरीर जैसा भोजन ग्रहण करता है, वैसा ही उसका स्वास्थ्य और मन बनता है।
यहां पर आयुर्वेद में संतुलित आहार को सर्पोपरि माना गया है। इसके अनुसार,आयुर्वेद हमें ताजा और मौसमी फल-सब्जियां खाने की सलाह देता है।
स्वस्थ जीवन के लिए मौसमी फल का सेवन करना जरूरी होता है। यह फल खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही पचने में आसान भी होते है। उदाहरण के लिए, गर्मियों में तरबूज, खरबूजा और आम शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देते हैं। वहीं, सर्दियों में संतरा, अमरूद और सीजनल जामुन इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। इसके अलावा बारिश के मौसम की बात करें तो, जामुन और सीताफल शरीर को पाचन संबंधी समस्याओं से बचाने का काम करते है। इसके अलावा हर मौसम के फल प्रकृति द्वारा उसी समय की जरूरतों के अनुसार हमें दिए गए हैं। यही वजह है कि आयुर्वेद कहता है कि मौसमी भोजन ही सबसे पौष्टिक है।
यहां पर नाश्ते में मौसमी फलों का सेवन करना जरूरी होता है इन फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्राकृतिक मिठास मिलती है। इसके उदाहरण के तौर पर, जब आप सुबह खाली पेट पपीता या सेब खाने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और दिनभर हल्कापन और ताजगी बनी रहती है। फलों में सबसे ज्यादा जरूरी पोषक तत्व फाइबर मौजूद होता है। यह पोषक तत्व पाचन को सही रखता है, शरीर से विषैले तत्व बाहर करता है और भूख को संतुलित बनाए रखता है।
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यहां पर फलों का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है तो वहीं पर फलों में नेचुरल मिठास होती है, जो धीरे-धीरे शरीर को ऊर्जा देती है और ब्लड शुगर को संतुलित रखती है। यही कारण है कि फल खाने के बाद हमें सुस्ती नहीं आती, बल्कि मन और मस्तिष्क दोनों सक्रिय रहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, फल केवल भोजन नहीं, बल्कि औषधि भी हैं। ये शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करते हैं। जैसे संतरा और अनार पित्त को संतुलित करते हैं, केला और चीकू वात को शांत करते हैं, जबकि नाशपाती और तरबूज कफ को कम करते हैं। इस प्रकार फल हमारे स्वास्थ्य को समग्र रूप से सुधारते हैं।
इसी कारण हमें अपनी दिनचर्या में एक सरल बदलाव करना चाहिए, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड नाश्ते को छोड़कर मौसमी फलों को अपनाना चाहिए। यह न केवल हमारे शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और सकारात्मकता भी बढ़ाता है।
आईएएनएस के अनुसार