गुलशन कुमार जयंती विशेष: जूस बेचने वाला दिल्ली का लड़का कैसे बना टी-सीरीज का मालिक
Gulshan Kumar Birth Anniversary: गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1951 को दिल्ली में हुआ था। दिल्ली के दरियागंज बाजार में उनके पिता चंद्रभान जूस की दुकान लगाया करते थे। लेकिन आगे चलकर गुलशन कुमार ने म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम हासिल किया और वह टी-सीरीज के मालिक बन गए। 1980 और 90 के दशक में गुलशन कुमार का खूब नाम हुआ। उन्होंने टी-सीरीज नाम की कंपनी की नींव रखी जो आज देश की नंबर वन म्यूजिक कंपनी बन गई है। शोहरत की वजह से वो अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए।
गुलशन कुमार ने अपने करियर की शुरुआत ऑडियो कैसेट बचने के काम से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ऑडियो कैसेट बनाना शुरू कर दिया। ऑडियो कैसेट उस समय बेहद महंगी मिला करती थी, लेकिन गुलशन कुमार ने ऑडियो कैसेट की पहुंच आम लोगों तक बना दी, वह सस्ती ऑडियो कैसेट बनाने के लिए पहचाने जाने लगे। वह खुद भी भजन गाया करते थे, इतना ही नहीं उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में कई लोगों को मौका दिया, लेकिन पैसा और शोहरत कमाने के बाद वह मुंबई में मौजूद अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए। अबू सलेम ने उनसे फिरौती मांगने की शुरुआत की और आखिरकार उनकी हत्या करवा दी।
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गुलशन कुमार से मांगी 10 करोड़ की फिरौती
मुंबई की खोजी पत्रकार हुसैन जैदी ने अपनी बुक ‘माय नेम इज अबू सलेम’ में इस बात का जिक्र किया है कि जैसे ही टी-सीरीज का नाम बड़ा होने लगा। अंडरवर्ल्ड के निगाह गुलशन कुमार पर पड़ी। अबू सलेम ने गुलशन कुमार को फोन करके 10 करोड़ की फिरौती मांगी थी, लेकिन गुलशन कुमार ने फिरौती में मांगी गई रकम देने से साफ इनकार कर दिया था। अबू सलेम लगातार उन्हें फोन करके धमकी देता रहा और वह भी अपनी बात पर अटल रहे। एक दिन गुलशन कुमार ने अबू सलेम को फोन पर कह दिया फिरौती नहीं दूंगा बल्कि उस पैसों का वैष्णो देवी में भंडारा कर दूंगा। यह बात सुनकर अबू सलेम का खून गुस्से से उबलने लगा और उसने गुलशन कुमार की हत्या की सुपारी दे दी।
गुलशन कुमार की मौत
12 अगस्त 1997 को अबू सलेम के शूटर राजा ने दिनदहाड़े गुलशन कुमार को मौत के घाट उतार दिया। गुलशन कुमार पर 10 से ज्यादा गोली चलाई गई थी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। गुलशन कुमार की मौत के बाद अबू सलेम फरार हो गया। काफी वक्त के बाद उसे पुर्तगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर अबू सलेम को भारत लाया गया। अबू सलेम ने भले ही गुलशन कुमार की हत्या करवा दी हो लेकिन गुलशन कुमार के हिम्मत की आज भी तारीफ की जाती है। वह अबू सलेम जैसे अंडरवर्ल्ड डॉन की धमकी से भी डरे नहीं थे। 5 मई को उनके चाहने वाले उनकी जयंती पर उन्हें याद कर रहे हैं।