
अंडर-19 एशिया कप 2025 भारत बनाम पाकिस्तान (फोटो- सोशल मीडिया)
U19 Asia Cup: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले हमेशा हाई वोल्टेज रहे हैं और ऐसा ही नजारा अंडर-19 एशिया कप 2025 में भी देखने को मिला। रविवार 14 दिसंबर को आईसीसी एकेडमी ग्राउंड पर खेले गए ग्रुप स्टेज मैच में भारतीय टीम ने एक बार फिर अपनी ‘नो हैंडशेक’ पॉलिसी को बरकरार रखा। इस फैसले की अगुवाई भारतीय अंडर-19 कप्तान आयुष म्हात्रे ने की, जिससे मुकाबला शुरू होने से पहले ही माहौल चर्चा में आ गया।
मैच के टॉस के दौरान भारतीय कप्तान आयुष म्हात्रे और पाकिस्तान के कप्तान फरहान यूसुफ ने एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया। दोनों कप्तानों ने केवल टॉस प्रक्रिया पूरी की और फिर अलग-अलग इंटरव्यू देकर ड्रेसिंग रूम की ओर लौट गए। दिलचस्प बात यह रही कि इस दौरान दोनों खिलाड़ियों के बीच आंखों से संपर्क भी नहीं हुआ। बारिश की वजह से मैच को 50 ओवर की बजाय 49-49 ओवर का कर दिया गया।
बीसीसीआई पहले ही साफ कर चुका है कि वह भारत-पाकिस्तान मुकाबलों में ‘नो हैंडशेक’ नीति पर पुनर्विचार नहीं करेगा। यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब आईसीसी लगातार यह अपील करता रहा है कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखा जाए। हालांकि भारतीय बोर्ड अपने रुख पर अडिग नजर आ रहा है और जूनियर लेवल की टीमों में भी यही दिशा अपनाई जा रही है।
भारतीय टीम की यह नीति हाल ही में समाप्त हुए एशिया कप 2025 के दौरान चर्चा में आई थी। उस टूर्नामेंट में भारतीय सीनियर पुरुष टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए सभी मैचों में हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं, एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से भी टीम ने दूरी बनाई थी। इसके बाद महिला वनडे वर्ल्ड कप में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी इसी नीति को अपनाया।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर क्रिकेट जगत में अलग-अलग राय सामने आ रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि खेल को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, जबकि कई लोग इसे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का स्वाभाविक असर बता रहे हैं। अंडर-19 स्तर पर भी इस तरह की सख्ती यह दिखाती है कि भारत अपने रुख में किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है।
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हालांकि मैदान पर दोनों टीमें पूरी प्रोफेशनल सोच के साथ उतरीं, लेकिन टॉस के वक्त हुआ यह वाकया मुकाबले से ज्यादा सुर्खियों में रहा। साफ है कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और सियासत से जुड़ा मुद्दा बन चुका है।






