जेएनयू विश्वविद्यालय (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः पाकिस्तान के साथी तुर्किए के खिलाफ पूरा भारत एकजुट हो गआ है। सोशल मीडिया पर तुर्की के बायकॉट की अपील के बीज दिल्ली की जेएनयू यूनिवर्सिटी ने बड़ा कदम उठाया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा के “कारण” इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्किये के साथ एमओयू निलंबित करने की घोषणा की।
जेएनयू ने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्किये के बीच समझौता अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। जेएनयू राष्ट्र के साथ खड़ा है।”
JNU सहित ट्रैवेल कंपनियों ने किया जनभावना का सम्मान
यह कदम भारत के हालिया सैन्य अभियान, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के लिए समर्थन व्यक्त करने के बाद तुर्किये और अज़रबैजान के खिलाफ बढ़ती जनभावना के बीच उठाया गया है। ट्रैवेल कंपनी के सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश से तुर्किये और अज़रबैजान के लिए 15,000 से अधिक बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। स्थिति को देखते हुए कई ट्रैवल एजेंसियां और एयरलाइंस पूर्ण रिफंड की पेशकश कर रही हैं।
भारत पर तुर्की के ड्रोन से हुआ हमला
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान ने 8 मई की रात को लेह और सर क्रीक के बीच 36 स्थानों पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, जिसमें कथित तौर पर तुर्की मूल के ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिसमें लगभग 300 से 400 ड्रोन शामिल थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने एयर डिफेंस सिस्टम से कई ड्रोन को मार गिराए। आधिकारिक बयान के अनुसार, मलबे के प्रारंभिक फोरेंसिक विश्लेषण से पता चलता है कि कुछ ड्रोन तुर्की निर्मित थे, जिनमें ‘असिसगार्ड सोंगार’ मॉडल और तुर्की मूल के यूएवी ‘यिहा’ या ‘यीहाव’ शामिल हैं।
तुर्की की जब भारत ने की मदद
भारत और पाकिस्तान जब एक दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन से हमला कर रहे थे तो उस समय तुर्की ने गद्दारी की, जबकि संकट के समय भारत ने तुर्की का साथ दिया था। पिछले साल तुर्की भूंकप ने भीषण तबाही मचाई थी। बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए थे। खाने और पानी के संकट से जूझ रही थी। उस समय भारत ने तुर्की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया था।